नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, गृह मंत्री आशीष सूद और दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारी मौजूद थे. बैठक में मुख्य रूप से महिला सुरक्षा और बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर चर्चा की गई.
क्या बोलीं रेखा गुप्ता?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक के बाद कहा, "दिल्ली को बड़े मुद्दों से जूझने में परेशानी हो रही थी, लेकिन जब भी केंद्र सरकार ने इन मुद्दों पर जानकारी मांगी, दिल्ली सरकार ने कभी भी पूरा सहयोग नहीं किया. अब इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है और समाधान के रास्ते पर काम किया जाएगा."
सीएम गुप्ता ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर शीघ्र नीतियां बनाई जाएंगी और कार्यान्वयन शुरू किया जाएगा. इसके अलावा, PWD (लोक निर्माण विभाग) से संबंधित मुद्दों पर भी बात हुई और यह भी माना गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय गैंगों के कारण दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में खामियां हैं, जिन पर गहन चर्चा की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार, जैसा कि अन्य राज्यों में काम कर रही है, अब दिल्ली में भी इसका असर दिखेगा. यह बैठक भविष्य में मासिक रूप से होगी और दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर शहर की व्यवस्थाओं को सुधारने की दिशा में काम करेगी.
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2025
केंद्रीय गृह सचिव और… pic.twitter.com/CUZBbUZDtI
यह बैठक अहम क्यों?
यह बैठक पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार के बाद पहली बार हुई है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राजधानी की कानून-व्यवस्था पर चर्चा की. बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच तालमेल स्थापित करना था ताकि कानून-व्यवस्था के संबंध में निर्णयों में कोई समस्या न हो.
इससे पहले, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 22 नवंबर को अमित शाह ने मंत्रालय के अधिकारियों से दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की थी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि दिल्ली में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए और किसी भी प्रकार की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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