वॉशिंगटन: अमेरिकी सरकार ने विवादास्पद रूप से 261 वेनेजुएलाई नागरिकों को डिपोर्ट कर अल सल्वाडोर की सुपरमैक्स जेल में भेज दिया, जबकि अमेरिकी कोर्ट ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी थी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने इन नागरिकों को ड्रग्स गैंग से जुड़ा अपराधी करार देते हुए 'एलियन एनिमी एक्ट' के तहत कार्रवाई की.
अल सल्वाडोर में पहुंचे वेनेजुएलाई नागरिक
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि इनमें से 238 लोग कुख्यात वेनेजुएलाई गैंग 'ट्रेन डी अरागुआ' के सदस्य थे, जबकि 23 अन्य MS-13 जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधी संगठन से जुड़े थे.
अमेरिकी कोर्ट की रोक के बावजूद निर्वासन
डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स ई. बोआसबर्ग ने शनिवार को इन लोगों के निर्वासन पर रोक लगाने का आदेश दिया था. हालांकि, ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि जब तक कोर्ट का आदेश आया, तब तक विमान पहले ही उड़ान भर चुके थे.
जज का आदेश और प्रशासन की प्रतिक्रिया
अदालत ने दो विमानों को वापस बुलाने का निर्देश दिया, जिनमें से एक अल सल्वाडोर और दूसरा होंडुरास की ओर रवाना हुआ था. हालांकि, इस आदेश को प्रशासन ने अमल में नहीं लाया.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इसे कानूनी रूप से 'आधारहीन' बताते हुए कहा कि अदालत के आदेश से पहले ही ये नागरिक अमेरिका से बाहर भेजे जा चुके थे.
Today, the first 238 members of the Venezuelan criminal organization, Tren de Aragua, arrived in our country. They were immediately transferred to CECOT, the Terrorism Confinement Center, for a period of one year (renewable).
— Nayib Bukele (@nayibbukele) March 16, 2025
The United States will pay a very low fee for them,… pic.twitter.com/tfsi8cgpD6
क्या है एलियन एनिमी एक्ट?
1798 में पारित 'एलियन एनिमी एक्ट' युद्धकाल के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को शत्रु देशों के नागरिकों को हिरासत में लेने, प्रतिबंधित करने या देश से निर्वासित करने की शक्ति देता है. यह कानून ‘एलियन एंड सेडिशन एक्ट्स’ के तहत पारित हुआ था.
अमेरिका और अल सल्वाडोर का नया समझौता
ट्रम्प प्रशासन ने अल सल्वाडोर के साथ समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका के हिंसक अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को वहां की जेलों में रखा जाएगा. इस समझौते को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंजूरी दी और इसे ऐतिहासिक बताया.
अल सल्वाडोर की विशाल जेल
अल सल्वाडोर ने 2023 में दुनिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक 'आतंकवादी बंदी केंद्र' (CECOT) का निर्माण किया था, जिसकी क्षमता 40,000 कैदियों तक है. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने इस जेल में अमेरिकी अपराधियों को रखने की पेशकश की थी.
बुकेले की अपराध पर कार्रवाई
बुकेले को अल सल्वाडोर में अपराध दर को कम करने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने 2019 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद सख्त कानून लागू किए और 2022 में स्टेट ऑफ इमरजेंसी घोषित कर दी.
उनकी नीतियों से 2024 में अल सल्वाडोर में हत्या के मामलों में भारी गिरावट आई, जो 2015 में 6,656 थी, वह अब घटकर 114 रह गई. इसी के चलते उन्हें 2024 के चुनाव में 85% वोटों के साथ फिर से राष्ट्रपति चुना गया.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावना
इस कदम पर मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया है. अमेरिका की यह नीति वैश्विक मंच पर विवाद का विषय बन सकती है. अब देखना यह होगा कि आगे इस नीति को लेकर क्या रुख अपनाया जाता है.
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