Seema Haider: 18 मार्च 2025 को ग्रेटर नोएडा में सचिन मीणा और सीमा हैदर के घर एक नन्ही बेटी की किलकारी गूंजी. यह सीमा की पांचवीं और सचिन के साथ पहली संतान है. लेकिन, इस खुशी के मौके पर एक सवाल सबके मन में कौंध रहा है—क्या यह बच्ची 'हिन्दुस्तानी' कहलाएगी? भारत का कानून इस मामले में साफ जवाब नहीं देता, और यही इसे चर्चा का केंद्र बना रहा है.
क्या कहता है नियम?
भारत में नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत 2004 के बाद जन्म से नागरिकता के नियम सख्त हैं. अगर एक माता-पिता भारतीय नागरिक है और दूसरा अवैध प्रवासी नहीं, तभी बच्चे को नागरिकता मिलती है. सचिन मीणा भारतीय हैं, लेकिन सीमा हैदर, जो पाकिस्तान से अवैध रूप से भारत आईं, अभी नागरिकता हासिल नहीं कर पाई हैं. इसका मतलब है कि उनकी बेटी को जन्म के आधार पर भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकती.
सीमा मई 2023 में अपने चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते भारत आई थीं. सचिन से शादी और हिंदू धर्म अपनाने के बाद भी उनकी नागरिकता की अर्जी लंबित है. कानूनी तौर पर वह अभी भी अवैध प्रवासी हैं. जब तक सीमा को नागरिकता नहीं मिलती, उनकी नवजात बेटी भी बिना किसी राष्ट्रीय पहचान के रहेगी.
सोशल मीडिया पर हलचल
नागरिकता के लिए सीमा रजिस्ट्रेशन या नेचुरलाइजेशन की प्रक्रिया अपना सकती हैं. अगर उन्हें नागरिकता मिलती है, तो वह अपनी बेटी के लिए भी आवेदन कर सकती हैं. लेकिन, यह प्रक्रिया लंबी और जटिल है, और सरकार के फैसले पर निर्भर करती है. अभी के लिए, यह बच्ची नागरिकता के सवालों में उलझी है.
इस घटना ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. कुछ लोग कहते हैं कि सीमा और सचिन के प्यार को सम्मान मिलना चाहिए, तो कुछ सख्त कानून की मांग करते हैं. यह मामला न सिर्फ व्यक्तिगत है, बल्कि देश की नागरिकता नीति पर भी सवाल उठाता है.
भारत का नागरिकता कानून: जन्म से नागरिकता
भारत में नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत 2004 के संशोधन के बाद नियम सख्त हो गए हैं. अब जन्म से नागरिकता तभी मिलती है, जब:
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