नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम ने एक हनी ट्रैप रैकेट का भंडाफोड़ किया और पुलिस अधिकारी बनकर निर्दोष पीड़ितों से पैसे ऐंठने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया.
पुलिस के अनुसार, आरोपियों की पहचान नीरज त्यागी, 42 (जिसे धीरज या धीरू के नाम से भी जाना जाता है), आशीष माथुर (31), और दीपक (30), जिसे साजन के नाम से भी जाना जाता है, के रूप में हुई है. नीरज और दीपक दिल्ली के द्वारका जिले के बिंदापुर थाने में हनी ट्रैप मामले में वांटेड थे.
दिल्ली पुलिस की वर्दी भी बरामद
आशीष माथुर के पास से हेड कांस्टेबल रैंक की दिल्ली पुलिस की वर्दी भी बरामद की गई. पुलिस ने बताया कि हर आरोपी के लिए एक-एक दिल्ली पुलिस के तीन फर्जी आईडी कार्ड बरामद किए गए. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को हत्या, डकैती, जबरन वसूली और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन जैसे गंभीर अपराधों में शामिल अपराधियों पर गुप्त और प्रत्यक्ष निगरानी रखने का काम सौंपा गया है, साथ ही अपराध और अपराधियों के बारे में जानकारी भी जुटाना है.
कैसे पकड़े गए आरोपी?
मंगलवार को एसआई योगेश दहिया को हनी ट्रैप रैकेट में शामिल गिरोह के सदस्यों की गतिविधि के बारे में सूचना मिली. टीम ने दिल्ली के मेन कंझावला रोड स्थित बुध विहार नाला के पास जाल बिछाया, जहां एक हुंडई आई-20 कार आई. वाहन की जांच करने पर उसमें तीन व्यक्ति मिले. पूछताछ करने पर तीनों ने दिल्ली पुलिस के सदस्य होने का दावा किया. कार में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की वर्दी भी मिली और आरोपियों ने अपने नकली दिल्ली पुलिस के पहचान पत्र भी दिखाए. क्राइम ब्रांच की टीम को शक हुआ और उन्होंने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया. आरोपियों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया. शुरुआत में आरोपियों ने क्राइम ब्रांच की टीम को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन लगातार पूछताछ के बाद तीनों ने आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल कर ली.
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