नई दिल्ली : भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. इस बार The JC Show में पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के रिश्तों पर था. शो की हेडिंग है 'आख़िर ट्रम्प को क्यों है मोदी से इतना प्यार !'
इस शीर्षक वाले शो में 1 घंटे 38 मिनट के विश्लेषण में उन्होंने कई प्रश्नों का विस्तार से जवाब दिया है. ट्रंप और मोदी के रिश्तों, मोदी की कूटनीति और अमेरिका-भारत के वर्तमान संबंधों का शानदार विश्लेषण किया गया है. आइए जानते हैं इस शो में Man of Prediction कहे जाने वाले डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा ने भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. इस दौरे के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच की विशेष मित्रता खुलकर सामने आई.
ट्रंप और मोदी की ‘ग्लोबल लव स्टोरी’
भारत 24 के द जेसी शो में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. जगदीश चंद्रा ने इस विशेष संबंध को ‘ग्लोबल लव स्टोरी’ करार दिया. ट्रंप ने अपने अंदाज में पीएम मोदी के प्रति अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त की.
ट्रंप ने मोदी को एक पुस्तक Our Joint Journey भेंट की, जिसमें लिखा था – "मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट." ट्रंप ने मोदी के नेतृत्व की जमकर सराहना की और कहा कि "मोदी एक बेहतरीन नेता हैं और भारत में कुछ महान कार्य कर रहे हैं."
भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम
पीएम मोदी ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका रक्षा, व्यापार, वीज़ा, शिक्षा और परमाणु ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे. मोदी ने घोषणा की कि 2023 तक भारत-अमेरिका व्यापार को $200 बिलियन से बढ़ाकर $500 बिलियन किया जाएगा.
मोदी ने यह भी कहा कि उनका और ट्रंप का विजन राष्ट्रहित पर केंद्रित है और भारत ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है.
मोदी की विदेश यात्राओं में जनता की बढ़ती रुचि
डॉ. चंद्रा ने यह भी बताया कि पहले भारतीय प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्राओं में जनता की खास दिलचस्पी नहीं होती थी, लेकिन अब मोदी की हर यात्रा का देशभर में उत्सुकता से इंतजार किया जाता है.
उन्होंने कहा कि "मोदी की हर स्पीच को लोग आधी रात तक जागकर सुनते हैं, मानो वह राष्ट्र के नाम संदेश हो."
अमेरिका की पिछली यात्राओं से अलग मोदी की यात्रा
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की अमेरिकी यात्राओं की तुलना में मोदी को असाधारण सम्मान मिला. पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय प्रधानमंत्रियों से औपचारिकता निभाने तक सीमित रहते थे, लेकिन मोदी के लिए अमेरिका में लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है.
डॉ. चंद्रा ने कहा कि "अब मोदी की तुलना में पहले के प्रधानमंत्रियों की अमेरिकी यात्राओं में जनता और सरकार का रिस्पांस फीका लगता है."
ट्रंप की भारत नीति: मोदी के लिए अलग दृष्टिकोण
हालांकि, ट्रंप कभी-कभी भारत की व्यापार नीति की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन उन्होंने मोदी की कभी निंदा नहीं की. डॉ. चंद्रा ने कहा कि "ट्रंप ने भारत और मोदी के बीच एक ‘लक्ष्मण रेखा’ खींच दी है. वे भले ही भारत की नीतियों की आलोचना करें, लेकिन मोदी के प्रति उनके मन में अटूट सम्मान है."
टैरिफ पॉलिसी:
डॉ. जगदीश चंद्र ने ट्रंप की टैरिफ नीति का विश्लेषण किया, जिसमें कहा गया कि ट्रंप का व्यापारिक दृष्टिकोण केवल "म्यूचुअल बेनिफिट" पर आधारित है. उनका मानना है कि हर व्यापारिक समझौता दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस नीति के खिलाफ 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लागू किया, जिसका उद्देश्य उन देशों को समान जवाबी टैरिफ देना था जो भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाते हैं.
ट्रंप और मोदी की बातचीत:
मोदी ने इस मुद्दे को बहुत शांति और धैर्य से हैंडल किया. उन्होंने टैरिफ को टालने का समय लिया, और आने वाले समय में नए व्यापार समझौते के जरिए इन समस्याओं को सुलझाने की उम्मीद जताई.
मोदी ने ट्रंप से मिलने पर कोई भी विवादास्पद टिप्पणी या कड़ा व्यवहार नहीं किया. इसके विपरीत, दोनों नेताओं के बीच एक सम्मानजनक और परिपक्व संवाद हुआ.
भारत-अमेरिका के व्यापार संबंध:
डॉ. चंद्र ने इस बारे में भी कहा कि ट्रंप ने भारत से तेल और हथियार खरीदने पर दबाव डाला, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसे राष्ट्रहित के खिलाफ नहीं होने दिया. उनका विश्वास है कि मोदी कभी भी राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेंगे.
चीन और व्यापार:
ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लगाया, जिससे दुनिया भर में व्यापारिक तनाव बढ़ गया. डॉ. चंद्र ने कहा कि चीन एक गंभीर प्रतिद्वंद्वी है और अमेरिका को चीन के साथ व्यापारिक समझौतों में भारतीय दृष्टिकोण का ध्यान रखना पड़ेगा.
भारत के लिए अवसर:
डॉ. चंद्र ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भारत के लिए यह एक अवसर है. अमेरिका के साथ इस समय हुए समझौतों से भारत को बहुत लाभ हो सकता है, और मोदी ने अपनी कूटनीति से भारत को मजबूती प्रदान की है.
भारत की योजनाएं:
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 2030 तक 9 लाख करोड़ रुपये के कपड़े का निर्यात करने के लक्ष्य की घोषणा को डॉ. चंद्र ने एक सकारात्मक और प्रेरणादायक कदम बताया. यह भारत की आर्थिक बढ़त के संकेत के रूप में देखा जा सकता है.
इस शो में डॉ. जगदीश चंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और व्यापारिक समझौतों पर एक व्यावहारिक दृष्टिकोण पेश किया, जिसमें उन्होंने ट्रंप के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए मोदी की कूटनीति की सराहना की.
डॉ. जगदीश चंद्र के अनुसार, ट्रंप का व्यावसायिक दृष्टिकोण और भारत से जुड़ी योजनाओं के लिए समर्थन यह दर्शाता है कि उनका मोदी के प्रति एक अनौपचारिक सम्मान और दोस्ती है. विशेष रूप से, ट्रंप की नीति में व्यापार को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है और मोदी ने इस दृष्टिकोण को समझा और उसे सधे तरीके से हैंडल किया.
आगे, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप की "Only Business" की नीति से नरेंद्र मोदी पूरी तरह वाकिफ हैं और वह विदेश नीति में स्मार्ट कदम उठा रहे हैं. हालांकि, ट्रंप का यह कहना कि वह चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूती से बनाए रखना चाहते हैं, मोदी के लिए एक चुनौती हो सकता है.
डॉ. जगदीश चंद्र ने यह भी कहा कि मोदी ने ट्रंप की व्यक्तिगत टिप्पणियों और पहलुओं को सटीक रूप से हैंडल किया, जिससे मोदी की विदेश नीति की सफलता सुनिश्चित हुई. उन्होंने ट्रंप और मोदी के बीच के संबंधों को और अधिक गहरा और प्रभावी बनाने की ओर इशारा किया.
इसके अलावा, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत में कुछ वर्ग इस बात से असहज हैं कि अमेरिकी कानून के तहत कुछ भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है, और इस मुद्दे को लेकर सरकार को और कदम उठाने की आवश्यकता है.
डॉ. जगदीश चंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल कूटनीतिक प्रयासों और डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनके रिश्तों के सकारात्मक पहलुओं को रेखांकित किया, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों और अन्य मुद्दों पर समंजस्यपूर्ण चर्चा की गई है.
इस चर्चा में डॉ. जगदीश चंद्र ने कई दिलचस्प और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विश्लेषण किया है, जैसे:
एलोन मस्क और ट्रंप का संबंध: मस्क ने ट्रंप की सरकार पर जो नियंत्रण स्थापित किया है, उसका प्रभाव अमेरिका की ब्यूरोक्रेसी पर पड़ रहा है. मस्क का उद्देश्य यह है कि वह ब्यूरोक्रेसी को नियंत्रित करें और ट्रंप को और अधिक ताकत देने का प्रयास करें. इसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार और गलत निर्णय की संभावना बढ़ सकती है.
मोदी और मस्क की मुलाकात: मस्क और उनके बच्चों के साथ नरेंद्र मोदी की मुलाकात एक अनयूजुअल कदम था, जिसे मोदी ने बहुत ही चतुराई से हैंडल किया. इसमें मस्क के बच्चों का शामिल होना और उनके प्रति मोदी का स्नेह दिखाना भी चर्चा में आया.
मस्क के व्यापारिक लाभ: मस्क की कंपनियाँ, विशेषकर टेस्ला और स्टारलिंक, भारत में आने का प्रयास कर रही हैं. मोदी और मस्क के बीच संभावित सहयोग का उद्देश्य भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य प्रौद्योगिकियों में सुधार लाना हो सकता है.
अमेरिका की विदेश सहायता में कटौती: मस्क ने अमेरिकी सरकार से यह निर्णय लिया कि विदेशों को दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती की जाएगी, ताकि घरेलू आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जा सके.
रूस-यूक्रेन युद्ध: डॉ. चंद्र का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म हो सकता है, लेकिन यह एकतरफा हो सकता है, जिसमें ट्रंप और पुतिन की भूमिका अहम होगी.
गाजा पट्टी की स्थिति: ट्रंप की योजना गाजा पट्टी पर नियंत्रण स्थापित करने की है, और उनके द्वारा इस क्षेत्र में बड़े निवेश की योजना बनाई जा रही है.
इन सभी बिंदुओं पर डॉ. चंद्र का विश्लेषण अमेरिकी और वैश्विक राजनीति, व्यापार और कूटनीति के क्षेत्र में अहम सवाल उठाता है.
डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि जब ट्रम्प और मोदी मिले, तो बातचीत मुख्य रूप से आतंकवाद, पाकिस्तान और दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधों पर केंद्रित थी. उन्होंने कहा कि ट्रम्प और मोदी के बीच आतंकवाद को खत्म करने और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी नीति पर सहमति है, और दोनों देशों के बीच जानकारी के आदान-प्रदान से कश्मीर और पाकिस्तान में उग्रवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को बल मिलेगा.
इसके अलावा, डॉ. चंद्र ने ट्रम्प के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स और अमेरिका में न्यायपालिका के साथ उनके तनावपूर्ण रिश्ते पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि ट्रम्प का निर्णय अमेरिकी न्यायपालिका से टकराव का कारण बन सकता है, और आने वाले दिनों में यह और बढ़ सकता है.
कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जैसे कि दोनों देशों के बीच इलीगल ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ सहयोग, गैंगस्टर्स के मुद्दे पर बातचीत, और अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमानों की खरीद पर प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक सफलता.
उन्होंने यह भी बताया कि ट्रम्प के आर्थिक कदमों से शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ा है, और यह संभवतः भारत और अन्य देशों के निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच होने वाले नए व्यापार समझौतों को लेकर डॉ. चंद्र ने कहा कि यह भारत के पक्ष में होगा और दोनों देशों के व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा.
इस शो में डॉ. जगदीश चंद्र ने पीएम मोदी की रणनीतिक चतुराई की सराहना की, जिनके नेतृत्व में भारत अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को और भी मजबूत कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत को इस अवसर का पूरा फायदा उठाना चाहिए, खासकर जब रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर अमेरिका की स्थिति स्पष्ट नहीं है.
डॉ चंद्र ने पीएम मोदी की रणनीति चतुराई की तारीफ की
डॉ. जगदीश चंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा से स्पष्ट संदेश गया कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है. उन्होंने बताया कि मोदी की भारत को 21वीं सदी की तकनीकी सदी बनाने की दृष्टि सही है और वो खुद भी इसके प्रति कटिबद्ध हैं. इसके साथ ही, उन्होंने फ्रांस में मोदी के स्वागत में प्रोटोकॉल तोड़ने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी का प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है.
इस शो में, डॉ. चंद्र ने कांग्रेस के उस प्रचार को भी खारिज किया जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी को नहीं बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि अब मोदी और ट्रम्प के बीच की निकटता साफ तौर पर सामने आ चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने विदेशों में भारत की पहचान को और मजबूत किया है, जैसे फ्रांस में जब उन्होंने वीर सावरकर का नाम लिया.
साथ ही, डॉ. चंद्र ने मोदी के आगामी राजनीतिक कदमों का अनुमान भी लगाया, जैसे दिल्ली में विकास कार्यों के लिए किए जाने वाले बड़े कदम और किसे मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा, उन्होंने इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन सर्वे का भी समर्थन किया, जिसमें एनडीए को 343 सीटें दी गई हैं.
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