पहले फेज का उपचुनाव कल- 10 राज्यों की 31 विधानसभा और 1 लोकसभा सीटें शामिल, सिक्किम में 2 पर निर्विरोध चुनाव

    10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों पर उपुचुनाव, 28 सीटें पर विधायकों के लोकसभा सांसद बनने से खाली होने के कारण हैं जबकि 2 पर प्रतिनिधियों के निधन और 1 सीट उम्मीदवार के दल बदलने से खाली हुई है.

    पहले फेज का उपचुनाव कल- 10 राज्यों की 31 विधानसभा और 1 लोकसभा सीटें शामिल, सिक्किम में 2 पर निर्विरोध चुनाव
    चुनाव आयोग का लोगो, प्रतीकात्मक तस्वीर, फाइल फोटो.

    नई दिल्ली : झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 43 सीटों के साथ कल यानि बुधवार को 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे. वायनाड की लोकसभा सीट पर होने उपचुनाव में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का सामने बीजीपी की नव्या हरिदास मैदान में हैं.

    वहीं सिक्किम की 2 सीटों पर निर्विरोध उम्मीदवार पहले ही चुन लिए गए हैं. 30 अक्टूबर को दोनों सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के दोनों प्रत्याशियों को विजयी घोषित किया जा चुका है. 

    प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के सीट छोड़ने से खाली हुई वायनाड सीट से लड़ रही हैं, जहां उनकी चुनावी किस्मत का फैसला होगा. राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों जगह से चुनाव जीता था, बाद में उन्हें रायबरेली सीट पर बने रहने का फैसला किया.

    यहां उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन (एलडीएफ) की उम्मीदवार सत्यन मोकेरी से है. कांग्रेस यूडीएफ के साथ यहां गठबंधन में है.

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    28 विधायक बने हैं लोकसभा सांसद, 2 का निधन और 1 ने बदला है दल

    10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों पर उपुचुनाव, 28 सीटें पर विधायकों के लोकसभा सांसद बनने से खाली होने के कारण हैं जबकि 2 पर प्रतिनिधियों के निधन और 1 सीट उम्मीदवार के दल बदलने से खाली हुई है. इनमें से 4 सीटें एससी और 6 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. 

    इन 31 सीटों में से 18 विपक्ष के पास थीं. इनमें से 9 सीटें अकेले कांग्रेस के पास थीं, एनडीए के पास 11 सीटें थीं. 7 विधायक भाजपा से जबकि 2 विधायक दूसरे दलों से थे. 

    राजस्थान में उपचुनाव की सीटें और भजनलाल की राजनीति का टेस्ट

    2023 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के 11 महीने बाद यहां 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. ये सीटें राज्य के सीएम भजनलाल के लिए टेस्ट भी साबित होंगी. इन 7 में से केवल 1 सलूंबर की सीट भाजपा के अमृतलाल मीणा के पास थी, 4 सीटें कांग्रेस के पास, 1 सीट भारतीय आदिवासी पार्टी और 1 सीट हनुमान बेनीवाल की RLP के पास थी. 

    हालांकि, विधानसभा चुनाव के करीब 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 18 सीटें जीती थीं, लेकिन ये पिछली बार 2019 में 24 सीट और 2014 में 25 सीट के मुकाबले कम थीं. 

    पिछले 5 साल के उपचुनावों में बीजेपी पर भारी पड़ती रही है कांग्रेस

    दूसरी ओर देखा जाए तो पिछले 5 साल में हुए राज्य की उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. यहां 89 सीटों पर उपचुनाव कांग्रेस ने जीते हैं. हालांकि, पड़ोसी राज्य में हरियाणा में भाजपा के जीत के बाद उसका मनोबल बढ़ा है, लेकिन अगर उपचुनाव के नतीजे उसके खिलाफ आते हैं तो भजनलाल शर्मा के सामने सियासी मुश्किल आ सकती है. 

    बिहार चुनाव 2025 से पहले 4 सीटों पर उपचुनाव बना सेमीफाइनल

    2025 में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं, उससे पहले राज्य की 4 सीटों पर उपचुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में इन 4 सीटों में 3 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा रहा था. नीतीश को भरोसा है कि उनके काम का आधार इन सीटों पर उन्हें जीत मिलेगी.

    वहीं तेजस्वी यादव नीतीश के साथ अपनी 17 महीने की सरकार के दौरान दी गई सरकारी नौकरियों का जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं. पर देखा जाए तो इससे पहले हुए लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे का असर नहीं हुआ था.

    चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई पार्टी जनसुराज के लिए भी ये उपचुनाव अहम है. पीके ने सभी 4 साट पर उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि राज्य के जातीय समीकरण वाली राजनीति में उनकी भी राजनीति का टेस्ट होगा. 

    मध्य प्रदेश की 2 सीटों पर उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल

    मध्य प्रदेश की 2 सीटों पर उपुचनाव होने हैं. एक सीट बुधनी, जो कि पूर्व सीएम शिवराज के केंद्र की राजनीति में आने से खाली हुई है. विपक्ष मुद्दा बना रहा है कि शिवराज सिंह का अपमान किया गया है. उन्हें उनके ना चाहने पर भी राज्य की राजनीति से निकाला गया है. वह 2006 से 2023 तक लगातार यहां से विधायक रहे हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने विदिशा की सीट जीती थी, जिसके बाद बुधनी की सीट खाली हुई थी. रमाकांत भार्गव ने उनके लिए विदिशा सीट दी थी, उसके बदले अब भार्गव बुधनी सीट से मैदान में हैं. 

    राज्य की विजयपुर सीट से राज्य के वन मंत्री रामनिवास रावत मैदान में हैं. वे सीट पर 6 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. लेकिन वह 2023 में भाजपा में शामिल हो गए थे, जो कि कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. वह कैबिनेट विस्तार होने पर मंत्री बने हैं. उनके सामने कांग्रेस के आदिवासी नेता मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया गया है. देखना होगा जनता, दल बदलने वाले राम निवास पर भरोसा करती है या कांग्रेस के आदिवासी नेता पर. 

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    छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण की 1 सीट पर होगा उपचुनाव

    राज्य की रायपुर दक्षिण से 1 सीट खाली हुई है. भाजपा ने यहां से सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाया है. यह सीट बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर से सांसद चुने जाने पर खाली हुई है. वे इस सीट पर कुल 8 बार विधायक रहे हैं. जबकि सुनील सोनी रायपुर से सांसद और मेयर रह चुके हैं. सीएम विष्णुदेव साय जमकर उनके लिए प्रचार कर रहे हैं.  

    वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा को मैदान में उतारा है. हालांकि यहां से कांग्रेस अब तक चार बार बड़े अंतर से हारी है.  

    इस सीट पर कुल 2.71 लाख मतदाता हैं. कैटेगरी के आधार पर वोटों का समीकरण देखें तो यहां कुल 53 फीसदी ओबीसी, 10 प्रतिशत एससी, 4 फीसदी एसटी और 17 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं.  

    यहां से मुस्लिम प्रत्याशी सबसे ज्यादा चुनाव लड़ते हैं. इस बार कुल 31 प्रत्याशियों में से 9 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं, जिससे मुस्लिम वोट बंटने की संभावना है. हालांकि, 2013 के बाद से किसी भी प्रत्याशी को 500 से ज्यादा वोट नहीं मिले हैं. 

    पश्चिम बंगाल में 6 सीटें, विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं

    पश्चिम बंगाल में कुल 6 सीटों पर उपचुनाव होंगे, जो कि विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं. इनमें से महज 1 सीट पर मनोज टिग्गा भाजपा से विधायक थे, बाकी सभी पर टीएमसी का कब्जा रहा था.

    हरोआ के विधायक हाजी नरुल इस्लाम बशीरहाट सांसद बने थे, लेकिन सितंबर में उनका निधन हो गया था. इस कारण इस यह लोकसभा सीट खाली है, लेकिन यहां अभी उपचुनाव नहीं हो रहा. 

    हाल ही में आरजी कर मेडिकल कालेज में महिला जूनियर डॉक्टर के रेप-हत्या मामले के बाद हुए डॉक्टरों के विरोध-प्रदर्शन के बाद होने जा रहे ये उपचुनाव  टीएमसी के लिए कड़ी परीक्षा हो सकते हैं. राज्य के डॉक्टर अब भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. 

    असम की 5 विधानसभा सीटों पर होंगे उपुचनाव

    असम में 5 विधानसभा सीटें हैं, जिस पर उपचुनाव होने हैं. इनमें 2 सीटें ऐसी हैं जिन पर सांसदों के रिश्तेदार मैदान में हैं. बारपेटा के सांसद फणि भूषण चौधरी की पत्नी दीप्तिमयी, बोंगाईगांव सीट से असम गण परिषद (एजीपी) से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं कांग्रेस ने धुबरी से सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को सामागुड़ी से मैदान में उतारा है. 

    इन 5 सीटों में से 4 पर एनडीए और 1 पर कांग्रेस काबिज थी. भाजपा 1 सीट पर लड़ री है, जबकि 1-1 सीट पर सहयोगी पार्टी एजीपी और यूपीपीएल मैदान में है. कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. 

    कर्नाटक की 3 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव

    कर्नाटक में 2 सीटों पर दो पूर्व सीएम के बेट मैदान में हैं, जिससे यहां परिवारवाद खुलकर सामने आ गया है. इन दोनों पूर्व सीएम के पिता भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बोम्मई और देवगौड़ा की तीसरी पीढ़ी चुनावी मैदान में है. जबकि तीसरी सीट पर कांग्रेस सांसद की पत्नी मैदान में हैं. 

    पूर्व सीएम और केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी चन्नपटना सीट से जेडीएस के उम्मीदवार हैं. यह सीट कुमारस्वामी के सांसद बनने के बाद खाली हुई है. निखिल का यह तीसरा चुनाव है. वह 2019 में मांड्या और 2023 में रामनगर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें मात खानी पड़ी थी. 

    दूसरी तसफ, भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बेटे भरत बोम्मई शिग्गांव सीट से मैदान में हैं. बसवाराज के हावेरी से सांसद चुने के बाद यह सीट खाली हुई है. वे इस सीट पर 4 बार विधायक रहे हैं. हालांकि उनसे पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. कांग्रेस ने यहां यासिर अहमद खान को मैदान में उतारा है. 

    तीसरी सीट संदूर की है जहां से कांग्रेस सांसद ई तुकाराम की पत्नी अन्नपूर्णा मैदान में हैं. यह सीट तुकाराम के बेल्लारी से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है. वह यहां से 4 बार विधायक रहे हैं. भाजपा ने यहां से अभिनेता से नेता बने भाजपा एसटी मोर्चा के अध्यक्ष बंगारू हनुमंथु को मैदान में उतारा है. 

    गुजरात में एक विधानसभा सीट पर होगा उपचुनाव

    राज्य में दो विधानसभा सीटें- वाव और विसावदर खाली हुई हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने केवल 1 सीट वाव पर उपचुनाव की घोषणा की है. यह सीट कांग्रेस सांसद गिनीबेन ठाकोर के बनासकांठा से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है. जबकि विसवादर सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक भूपत भायाणी के इस्तीफा देकर भाजपा में जाने पर खाली हुई है. 

    दूसरी सीट पर उपचुनाव ना होने की वजह 2022 के विधानसभा चुनाव से उनके खिलाफ कुछ याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित हैं, इसलिए यहां चुनाव नहीं कराया जा रहा है. विधानसभा की 182 में से 161 पर बीजेपी 12 पर कांग्रेस और 4 सीटें आम आदमी पार्टी ने और 1 सीट सपा व 2 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं. 

    बीजेपी ने वाव सीट से स्वरूपजी ठाकोर के मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने गुलाब सिंह राजपूत को. 

    मेघालय की 1 विधानसभा सीट पर होगा उपचुनाव

    उत्तर-पूर्व के राज्य मेघालय से कांग्रेस विधायक सलेंग ए संगमा के तुरा सीट से लोकसभा सांसद बनने से गाबेग्रे सीट खाली हुी है. पार्टी ने यहां से जिंगजांग मराक को टिकट दिया है, वहीं भाजपा ने बर्नार्ड मारक को. मारक उग्रवादी रहे हैं. 2022 में उन पर सेक्स रैकेट भी चलाने का आरोप लगा था. उन पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है.

    छापेमारी के दौरान इस तरह के मामले दर्ज हुए था. पुलिस ने 22 जुलाई को छापेमारी में पाया था कि उनके फार्महाउस से रैकेट चलाया जा रहा था. 35 जिलेटिन रॉड 100 डेटोनेटर्स समेत हथियार मिले थे. 

    पुलिस 73 गिरफ्तारियों के साथ 6 नाबालिगों को भी रेस्क्यू किया था. छापेमारी के बाद मारक फरार हो गए थे. वह 26 जुलाई के उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार हुए थे.

    केरल की वायनाड सीट पर लोकसभा उपचुनाव

    केरल के चेलाक्करा सीट पर विधानसभा के लिए उपचुनाव और वायनाड सीट पर लोकसभा उपचुनाव हो रहा है. चेलाक्कारा की सीट CPI(M) विधायक के राधाकृष्णन के अलाथुर से सांसद बनने से खाली हुई है. कांग्रेस ने यहां से राम्या हरिदास और बीजेपी ने के बालकृष्णन को मैदान में उतारा है.

    वायनाड से प्रियंका गांधी लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं. वह पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. अगर वे चुनाव जीतती हैं, तो पहली बार होगा कि गांधी परिवार के सभी सदस्य यानी सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका संसद के सदस्य होंगे.

    भाजपा ने प्रियंका के सामने नव्या हरिदास को मैदान में उतारा है. वे भाजपा महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं. साथ ही कोझिकोड नगर निगम में दो बार की पार्षद और भाजपा पार्षद दल की नेता रही हैं. वे 2021 विधानसभा चुनाव में कोझिकोड दक्षिण सीट से चुनाव भी लड़ चुकी हैं, लेकिन हार गई थीं.

    लेफ्ट गठबंधन एलडीएफ ने सीपीआई(एम) नेता सत्यन मोकेरी (70) को मैदान में उतारा है. वह 1987 से 2001 तक नादापुरम विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. वह 2014 में एलडीएफ की ओर से चुनाव लड़े थे, लेकिन कांग्रेस के एमआई शानवास से हार गए थे. मोकेरी इस समय सीपीआई की किसान विंग अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीव सचिव हैं. 

    सिक्किम के 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव

    सिक्किम की 2 विधानसभा सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के प्रत्याशी 30 अक्टूबर को निर्विरोध चुन लिए गए थे. दरअसल, नॉमिनेशन फॉर्म की जांच के समय कुछ उम्मीदवारों के फॉर्म रद्द कर दिए गए थे. इसके बाद 25 साल सत्ता में रही सिक्किम लोकतांत्रिक मोर्चा (SDF) के दोनों उम्मीदवारों ने भी अपने नाम वापस ले लिए.

    इनमें से एक ने कहा था कि पार्टी से समर्थन न मिलने से उन्होंने नामांकन वापस लिया. जबकि दूसरे ने नाम वापसी की वजह नहीं बताई. इसके बाद नाम वापसी के आखिरी दिन 30 अक्टूबर को आदित्य गोले, सोरेंग-चाकुंग सीट से और सतीश चंद्र राय, नामची-सिंघीथांग सीट से निर्विरोध विजयी घोषित कर दिए गए.

    लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनाव में SKM ने सभी 32 सीटें जीतीं

    इससे पहले लोकसभा चुनाव के साथ ही जून, 2024 में यहां विधानसभा चुनाव में SKM ने राज्य की सभी 32 सीटों जीत ली थीं. SKM प्रमुख प्रेम सिंह तमांग ने रेनॉक और सोरेंग-चाकुंग दो सीटों से चुनाव जीते थे. इसके बाद उन्होंने सोरेंग-चाकुंग सीट छोड़ दी थी.

    वहीं, नामची-सिंघीथांग सीट पर उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय ने चुनाव जीता था. उन्होंने विधायक की शपथ लेने के एक दिन बाद 13 जून को विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था.

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