रूसी आर्मी ने फिर दिखाई अपनी ताकत, गैस पाइपलाइन में 15KM चलकर यूक्रेनी सेना पर किया टारगेट अटैक

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक नया मोर्चा खुला है. रूस की विशेष सेना (स्पेशल फोर्स) ने यूक्रेन के कब्जे वाले कुर्स्क इलाके में हमला करने के लिए एक अनोखी रणनीति अपनाई. उन्होंने लगभग 15 किलोमीटर तक एक गैस पाइपलाइन के भीतर चलते हुए यूक्रेनी सेना पर सटीक हमला किया.

Russian army again showed its power walked 15km in a gas pipeline and carried out a target attack on Ukrainian army
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक नया मोर्चा खुला है. रूस की विशेष सेना (स्पेशल फोर्स) ने यूक्रेन के कब्जे वाले कुर्स्क इलाके में हमला करने के लिए एक अनोखी रणनीति अपनाई. उन्होंने लगभग 15 किलोमीटर तक एक गैस पाइपलाइन के भीतर चलते हुए यूक्रेनी सेना पर सटीक हमला किया.

गैस पाइपलाइन के जरिए किया गया टारगेट अटैक

रूसी वॉर ब्लॉगर यूरी पोडोल्याका के अनुसार, रूसी कमांडो ने कुर्स्क क्षेत्र में सुद्झा के पास यूक्रेनी सेना पर हमला किया. इस रणनीति के तहत, उन्होंने यूरोप तक नेचुरल गैस पहुंचाने वाले पाइपलाइन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए यूक्रेनी सैन्य ठिकानों पर धावा बोला.

सुद्झा में एक बड़ा गैस ट्रांसफर स्टेशन स्थित है, जो यूरोपीय गैस आपूर्ति का अहम केंद्र माना जाता है. इस हमले के बाद, पूरे क्षेत्र में संघर्ष तेज हो गया है और अब भी झड़पें जारी हैं.

सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद पहली बार रूस में घुसपैठ

रूस में सैन्य संघर्ष अब एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच चुका है. वॉर एनालिस्ट यूरी कोटेनोक के अनुसार, यूक्रेनी सेना ने हाल के महीनों में कुर्स्क क्षेत्र में कई अहम इलाकों पर कब्जा जमाया था, जिससे रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार है जब किसी देश ने रूसी सीमा के भीतर घुसपैठ की है.

कुर्स्क में संघर्ष: कौन आगे?

पिछले साल अगस्त में यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क इलाके में 1,300 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, जिसमें 74 रूसी गांव भी शामिल थे. इस हमले के कारण करीब दो लाख रूसी नागरिकों को अपने घर छोड़ने पड़े थे.

हालांकि, रूस ने तेजी से पलटवार करते हुए यूक्रेन को पीछे धकेल दिया है. अब तक 40% इलाका फिर से रूस के नियंत्रण में आ चुका है, और कुर्स्क में रूस ने 59,000 सैनिकों को तैनात कर दिया है.

यूक्रेन का 20% क्षेत्र अभी भी रूसी नियंत्रण में

रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से, रूस ने यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन जैसे पूर्वी प्रांतों पर कब्जा कर लिया है. ये क्षेत्र अब पूरी तरह रूसी शासन के अंतर्गत हैं.

क्या आगे होगा?

कुर्स्क में लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है. रूस की इस नई सैन्य रणनीति ने यूक्रेनी सेना को चौंका दिया है, लेकिन यूक्रेन अब अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. आने वाले हफ्तों में यह साफ होगा कि यह संघर्ष किस दिशा में जाएगा—क्या रूस कुर्स्क को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले पाएगा, या यूक्रेन एक और पलटवार करेगा?

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