'हम संविधान के समर्थक, वे इसके विरोध में अंबेडकर, नेहरू का पुतला जलाए थे'- राज्यसभा से वॉकआउट पर बोले खरगे

    खरगे ने कहा- झूठ बोलना और सच्चाई से परे बातें कहना उनकी आदत है. जब वे संविधान के बारे में बोल रहे थे, तो मैंने उनसे कहा कि आपने संविधान नहीं बनाया था, आप लोग इसके खिलाफ थे.

    'हम संविधान के समर्थक, वे इसके विरोध में अंबेडकर, नेहरू का पुतला जलाए थे'- राज्यसभा से वॉकआउट पर बोले खरगे
    राज्यसभा से वॉकआउट करने के बाद सदन से बाहर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे | Photo- ANI के वीडियो से ग्रैब्ड.

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री के बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को लेकर राज्यसभा अपनी बात रखने के सदन से विपक्ष वॉकआउट कर गया. विपक्ष ने मोदी पर संविधान को लेकर सदन को गुमराह करने और झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग हमेशा संविधान के खिलाफ रहे हैं. वहीं एनसीपी (शरद चंद्र पवार) ने रज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे की बात को ना सुनना सदन का अपमान बताया.

    इससे एक दिन पहले लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखी थी, जिस दौरान विपक्ष ने लागतार नारेबाजी कर पीएम के भाषण का विरोध किया था. 

    #WATCH | On the Opposition's walkout from Rajya Sabha, Congress leader and LoP in Rajya Sabha Mallikarjun Kharge says, "We walked out because the PM was addressing the House on the President's address and told some wrong things to the House. It's his habit to lie and say things… pic.twitter.com/K3ckOaWnbL

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    कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- सदन में संविधान को लेकर झूठ बोला जा रहा

    राज्यसभा में वॉकआउट करने वाले विपक्ष और कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "हम इसलिए वॉकआउट कर गए क्योंकि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने सदन को कुछ गलत बातें बताईं. झूठ बोलना और सच्चाई से परे बातें कहना उनकी आदत है. जब वे संविधान के बारे में बोल रहे थे, तो मैंने उनसे कहा कि आपने संविधान नहीं बनाया था, आप लोग इसके खिलाफ थे. मैं बस यह स्पष्ट कर रहा था कि कौन संविधान के पक्ष में और कौन विरोध में हैं... उन्होंने (आरएसएस) संविधान का विरोध किया था. उन्होंने बीआर अंबेडकर और पंडित नेहरू का पुतला जलाया था... वे बार-बार कह रहे हैं कि हमने बीआर अंबेडकर का अपमान किया, उन्होंने वहां (लोकसभा में) कहा और वे आज यहां (राज्यसभा) भी यही कह रहे हैं... मैं बताना चाहता था कि बाबासाहेब ने संविधान सभा में क्या कहा है और आरएसएस ने ऑर्गनाइजर में क्या लिखा है..."

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले लोकसभा में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र कर कांग्रेस पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया था. आज फिर पीएम मोदी ने राज्यसभा में इसी आरोप  को दोहराया. कांग्रेस पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया.

    वहीं इस दौरान खरगे के साथ कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और शरद पवार समेत अन्य नेता भी मौजूद थे.

    खरगे का अपमान किया गया, इसलिए हमने वॉकआउट किया : शरद पवार 

    राज्यसभा से विपक्ष के वॉकआउट पर एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "वह (मल्लिकार्जुन खरगे) एक संवैधानिक पद पर हैं. चाहे वह पीएम हों या सदन के अध्यक्ष, उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन आज यह सब नजरअंदाज किया गया और इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है, और इसलिए हमने वॉकआउट किया."

    वहीं आज राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए फिर से स्थगित हो गई.

    विपक्ष के राज्यसभा से वॉकआउट पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "प्रधानमंत्री संविधान का गुणगान कर रहे थे, वही प्रधानमंत्री जिन्होंने कहा था कि वे खुद 370 सीटें जीतेंगे, उन्होंने राज्यसभा के पटल पर कहा था कि एनडीए 400 से ज़्यादा सीटें जीतेगा और जैसे ही उन्होंने 400 सीटों का नारा दिया, उनके सभी उम्मीदवार कहने लगे कि संविधान बदल दिया जाएगा. विपक्ष के नेता ने तीन-चार बार अनुरोध किया कि वे हस्तक्षेप करना चाहते हैं क्योंकि वहां झूठ परोसा जा रहा था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. इसलिए हमने कहा कि अगर वे हमारी बात नहीं सुनना चाहते हैं, वे संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था को स्वीकार नहीं करते हैं और उसी अहंकार के साथ आज भी चल रहे हैं, तो हमने भी सदन से वॉकआउट किया है... जो लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं, वे वे लोग हैं जिन्हें जनता ने 240 पर रोक दिया है. वे अपना गुस्सा और हताशा हमारे दरवाजे पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने किसी को बोलने का मौका नहीं दिया."

    विपक्ष के राज्यसभा से वॉकआउट पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "जब प्रधानमंत्री गलत तथ्य पेश कर रहे थे, गलत जानकारी दे रहे थे, तब विपक्ष के नेता कुछ सही तथ्य पेश करने, सच्ची जानकारी देने के लिए खड़े हुए. विपक्ष के नेता ने तथ्यों, आंकड़ों और किताबों के साथ बार-बार कोशिश की, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. इसलिए, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में पूरा विपक्ष उस समय वॉकआउट कर गया, जब सच को सामने नहीं आने दिया जा रहा था और सदन में झूठ बोला जा रहा था."

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