अकेले भारत नहीं आएंगे पुतिन! जेलेंस्की भी आ रहे... PM मोदी ने जेलेंस्की को भेजा न्योता

    भारत की विदेश नीति हमेशा से "रणनीतिक संतुलन" की मिसाल रही है. एक ओर रूस, जो दशकों से भारत का भरोसेमंद साथी रहा है, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन, जिससे भारत अपने संबंधों को नई ऊँचाई देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

    Zelensky Visit India PM Modi Invite after putin visits india
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    भारत की विदेश नीति हमेशा से "रणनीतिक संतुलन" की मिसाल रही है. एक ओर रूस, जो दशकों से भारत का भरोसेमंद साथी रहा है, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन, जिससे भारत अपने संबंधों को नई ऊँचाई देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. मौजूदा वैश्विक हालातों के बीच भारत जिस प्रकार संतुलन साध रहा है, वह उसकी परिपक्व कूटनीतिक सोच का परिचायक है.

    यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर कुतुब मीनार यूक्रेनी झंडे के रंगों से जगमगाई, जो दोनों देशों के बढ़ते संबंधों की प्रतीक बनी. इस अवसर पर भारत में यूक्रेन के राजदूत ऑलेक्जेंडर पोलिशचुक ने बताया कि भारत और यूक्रेन के बीच रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने पर ज़ोर दिया जा रहा है.

    कुतुब मीनार यूक्रेन के रंगों में सजी

    राजदूत के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भारत आने का आमंत्रण भेजा है. दोनों पक्ष फिलहाल यात्रा की तारीख को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं. यदि यह दौरा होता है, तो यह भारत-यूक्रेन रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ देगा.

    पुतिन का भारत दौरा भी तय

    वहीं, भारत-रूस संबंधों में भी मजबूती का सिलसिला जारी है. कुछ सप्ताह पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पुष्टि की थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्ष 2025 के अंत तक भारत दौरे पर आएंगे. रूसी मीडिया एजेंसी इंटरफैक्स ने भी इस यात्रा की पुष्टि की है. ऐसे समय में यह दौरा खास अहमियत रखता है जब अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाए गए हैं और रूस से तेल खरीदने को लेकर आपत्ति जताई गई है.

    अमेरिका पर भारत का कड़ा रुख

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ 50% तक बढ़ाने के फैसले पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने इस कदम को "अनुचित, अनावश्यक और तर्कहीन" करार दिया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ किया कि भारत किसी भी तरह का ऐसा समझौता नहीं करेगा जिससे उसके किसानों या छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचे.जयशंकर ने अमेरिका के रवैये को लेकर कहा कि मौजूदा राष्ट्रपति की विदेश नीति की शैली अब तक के किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति से बिल्कुल भिन्न है. उन्होंने कहा, “दुनिया ने इससे पहले ऐसा कोई राष्ट्रपति नहीं देखा, जो इस कदर खुलकर और सार्वजनिक रूप से विदेश नीति संचालित करता हो. यह चुनौती सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया झेल रही है.”

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