लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछड़े वर्ग की बेटियों के लिए एक अहम कदम उठाया है. अब इन बेटियों को शादी के लिए मिलने वाली अनुदान राशि में भारी बढ़ोतरी की जाएगी. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्तमान में दी जा रही 20,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 35,000 रुपये किया जाएगा. यह फैसला राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने किया, जिन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा.
बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए निर्णय
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण 20,000 रुपये की मौजूदा राशि अब अपर्याप्त साबित हो रही थी. खासकर गरीब और पिछड़े वर्ग के परिवारों के लिए यह रकम बहुत कम थी, जिससे उनकी बेटियों की शादी में समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इस राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया है. कश्यप ने यह भी बताया कि इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो सरकार की इस पहल के प्रति गंभीरता को दर्शाता है.
किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना उन परिवारों को दी जाएगी, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपये से कम है. यह विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, ताकि उन्हें अपनी बेटियों के विवाह में कोई भी वित्तीय समस्या न आए. सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचे, और सामाजिक और आर्थिक कारणों से बेटियों के विवाह में कोई रुकावट न हो.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से तुलना
ध्यान देने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अधिक अनुदान राशि दी जाती है, जिससे इस योजना में लोगों की रुचि कम हो रही थी. अब अनुदान राशि बढ़ाने से यह योजना अधिक आकर्षक और प्रभावी बन सकती है. इस पहल का उद्देश्य पिछड़े वर्ग की बेटियों के विवाह को एक सरल और वित्तीय दृष्टि से सहज प्रक्रिया बनाना है.
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