इस देश में पहली बार होगा 'वर्ल्ड रोबोट गेम्स', फुटबॉल मुकाबले पर टिकीं दुनिया की निगाहें

    World Humanoid Robot Games: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में चीन लगातार नया इतिहास रच रहा है. इस टेक्नोलॉजी रेस में अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए चीन 15 से 17 अगस्त के बीच राजधानी बीजिंग में 'वर्ल्ड ह्यूमनॉइड रोबोट गेम्स' का आयोजन करने जा रहा है.

    World Robot Games will be held for the first time in this country
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    World Humanoid Robot Games: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में चीन लगातार नया इतिहास रच रहा है. इस टेक्नोलॉजी रेस में अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए चीन 15 से 17 अगस्त के बीच राजधानी बीजिंग में 'वर्ल्ड ह्यूमनॉइड रोबोट गेम्स' का आयोजन करने जा रहा है. यह आयोजन दुनिया के लिए एक अनोखा अनुभव होगा, जहां ह्यूमनॉइड रोबोट्स मैदान में उतरकर विभिन्न खेलों में अपनी ताकत, तकनीक और समझ का प्रदर्शन करेंगे.

    टूर्नामेंट में कई खेलों को शामिल किया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा 'फुटबॉल' की हो रही है. जून में चीन द्वारा आयोजित 'रोबोलीग' ने दर्शकों को पहली बार दिखाया कि कैसे ह्यूमनॉइड रोबोट्स फुटबॉल खेल सकते हैं. वो आयोजन दरअसल इस वर्ल्ड गेम्स की एक झलक थी. अब असली मुकाबला नजदीक है और रोबोट्स मैदान पर जमकर प्रैक्टिस कर रहे हैं. देखने में ऐसा लगता है मानो इंसानों की कोई प्रोफेशनल टीम फुटबॉल का अभ्यास कर रही हो.

    30 देशों की टीमें होंगी शामिल

    प्रतियोगिता में अमेरिका, जर्मनी, ब्राजील, पुर्तगाल और चीन सहित 30 देशों की टीमें भाग ले रही हैं. खास बात यह है कि चीन की शंघाई यूनिवर्सिटी की टीम, जो हाल ही में ब्राजील में हुए रोबोकप में उपविजेता रही थी, वह भी इस टूर्नामेंट का हिस्सा होगी. हर टीम ने अपने रोबोट्स को अलग प्रोग्रामिंग के जरिए तैयार किया है, जिससे मुकाबले और भी दिलचस्प हो जाते हैं.

    ‘इमिटेशन लर्निंग’ से सीखे इंसानी हुनर

    इन रोबोट्स को सिर्फ मशीन नहीं कहा जा सकता. इनमें लगाए गए अत्याधुनिक विजुअल सेंसर इन्हें गेंद की स्थिति और मैदान में नेविगेट करने में मदद करते हैं. ये रोबोट्स गिरने के बाद खुद को बैलेंस करके फिर से खड़े हो जाते हैं और खेल जारी रखते हैं. इन्हें 'इमिटेशन लर्निंग' तकनीक के जरिए प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें पहले इंसानों की गतिविधियों को दिखाया जाता है और फिर वर्चुअल सिमुलेशन में हजारों बार अभ्यास कराया जाता है.

    Tsinghua University के प्रोफेसर लुओ चांगशेंग के अनुसार, “इस तकनीक के जरिए रोबोट्स को इंसानों की तरह निर्णय लेना और रिएक्शन देना सिखाया जाता है.”

    क्या भविष्य में रोबोट्स बनेंगे हमारे खिलाड़ी?

    बीजिंग में होने वाला यह आयोजन न केवल तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भविष्य में खेल के मैदानों में इंसानों के साथ रोबोट्स भी नई भूमिका निभा सकते हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले वर्षों में रोबोटिक फुटबॉल, पारंपरिक खेलों को नई परिभाषा देगा.

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