ICC Womens World Cup: महिला क्रिकेट अब पीछे नहीं, बल्कि बराबरी की पिच पर उतर चुकी है. इसकी बेजोड़ मिसाल बनने जा रहा है महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025, जिसका आयोजन इस बार भारत में होने वाला है. 30 सितंबर से शुरू होकर 2 नवंबर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट का रोमांच भारत के चार शहरों और श्रीलंका के एक शहर तक फैला होगा.
सबसे दिलचस्प बात यह है कि 12 साल बाद भारत महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है. इस बार का आयोजन न सिर्फ भव्य होगा, बल्कि प्राइज मनी के लिहाज़ से भी इतिहास रचने वाला है.
पाकिस्तान टीम भारत नहीं आएगी
इस टूर्नामेंट में एक खास बात ये भी है कि पाकिस्तान की महिला टीम भारत में नहीं खेलेगी. सुरक्षा और राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान को उसके मैच श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आयोजित किए जाएंगे. इससे टूर्नामेंट का एक हिस्सा भारत में और दूसरा श्रीलंका में संपन्न होगा.
प्राइज मनी में चार गुना उछाल
आईसीसी ने इस बार महिला वर्ल्ड कप की इनामी राशि में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है. कुल प्राइज मनी अब 13.88 मिलियन डॉलर (लगभग 122 करोड़ रुपये) कर दी गई है, जो कि पिछले 2022 संस्करण की तुलना में लगभग 297 प्रतिशत ज्यादा है.
यह पहली बार है कि महिला वर्ल्ड कप की पुरस्कार राशि, आईसीसी पुरुष विश्व कप 2023 से भी ज़्यादा है. यह न सिर्फ महिला क्रिकेट को प्रोत्साहित करने वाला कदम है, बल्कि खेल में लैंगिक समानता की दिशा में भी एक मजबूत संदेश है.
विजेता को मिलेगा 39.5 करोड़, उपविजेता को भी मोटी रकम
आईसीसी द्वारा घोषित नई इनामी राशि के मुताबिक, विजेता टीम को अब 4.48 मिलियन डॉलर (लगभग 39.5 करोड़ रुपये) मिलेंगे, जो पिछली बार से 239% ज्यादा है. उपविजेता टीम को 2.24 मिलियन डॉलर (करीब 19.77 करोड़ रुपये) मिलेंगे. सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली टीमों को भी 9.8 करोड़ रुपये तक की राशि दी जाएगी. यही नहीं, ग्रुप स्टेज जीतने पर, और पांचवें से आठवें स्थान तक की टीमों को भी अच्छी-खासी रकम मिलेगी.
महिला क्रिकेट का स्वर्ण युग शुरू
आईसीसी का यह कदम केवल इनामी राशि तक सीमित नहीं है, यह महिला क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देने का प्रयास है. जहां एक तरफ खेल का स्तर बढ़ रहा है, वहीं अब खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जा रहा है.
भारत में होने वाला यह वर्ल्ड कप महिला क्रिकेट को एक नई ऊंचाई देने वाला साबित हो सकता है. यह केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि महिला खिलाड़ियों की मेहनत, संघर्ष और सपनों को सम्मान देने का मौका है.
यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने बिहार SIR को लेकर दिया फैसला, जानें समय सीमा बढ़ाने की मांग पर क्या कहा