क्रिकेट की दुनिया में एक ऐतिहासिक मोड़ आ गया है. पहली बार, महिला वनडे वर्ल्ड कप की पुरस्कार राशि पुरुषों के टूर्नामेंट से ज्यादा रखी गई है. यह कदम न केवल खेल में लैंगिक समानता की दिशा में बड़ा संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि महिला क्रिकेट अब वैश्विक मंच पर गंभीरता से लिया जा रहा है.
ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज के ज़रिए यह घोषणा की कि 30 सितंबर 2025 से भारत और श्रीलंका में होने जा रहे महिला वनडे वर्ल्ड कप के लिए कुल इनामी राशि 13.88 मिलियन डॉलर (लगभग ₹122.5 करोड़) होगी.
यह राशि पुरुषों के वनडे वर्ल्ड कप 2023 (भारत में आयोजित) की प्राइज मनी से करीब 39 करोड़ रुपए अधिक है. उस वक्त पुरुष टूर्नामेंट में कुल 10 मिलियन डॉलर (करीब ₹83 करोड़) की इनामी राशि दी गई थी.
विजेता टीम को मिलेंगे लगभग ₹40 करोड़
इस वर्ल्ड कप की चैंपियन टीम को मिलेगी 4.48 मिलियन डॉलर यानी लगभग ₹39.55 करोड़, जो कि महिला क्रिकेट इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी राशि है. इसके पहले सीज़न में विजेता टीम को 1.32 मिलियन डॉलर (लगभग ₹9.9 करोड़) ही दिए गए थे. यानी ICC ने विजेता राशि में करीब चार गुना बढ़ोतरी की है.
दूसरे और तीसरे स्थान की टीमें भी होंगी मालामाल
सिर्फ विजेता ही नहीं, बाकी टॉप टीमों को भी बड़ा इनाम मिलेगा:
हर टीम को मिलेगी भागीदारी राशि
इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाली 8 टीमों को ICC की तरफ से प्रतिभाग शुल्क के रूप में भी रकम दी जाएगी:
इस तरह, हर स्तर की टीम को इनाम में हिस्सा मिलेगा चाहे वे ग्रुप स्टेज तक ही क्यों न रुकी हों.
पिछले सीजन से लगभग 4 गुना बढ़ी प्राइज मनी
अगर पिछले महिला वनडे वर्ल्ड कप की तुलना करें तो तब ICC ने 3.5 मिलियन डॉलर (करीब ₹26 करोड़) की प्राइज मनी घोषित की थी. उस वक्त:
अब की इनामी राशि उस आंकड़े से लगभग चार गुना अधिक है, जो महिला क्रिकेट के लिए एक क्रांतिकारी बढ़ोतरी मानी जा रही है.
महिला बनाम पुरुष क्रिकेट: फर्क कम हो रहा है
अब तक, महिला और पुरुष क्रिकेट के बीच प्राइज मनी में बड़ा अंतर रहा है. लेकिन ICC ने संकेत दिया है कि भविष्य में महिला क्रिकेट को भी उसी स्तर पर लाया जाएगा जैसे पुरुष क्रिकेट को.
2023 के पुरुष वर्ल्ड कप में:
जबकि अब, महिला टूर्नामेंट की:
यानी अब महिला क्रिकेट की चैंपियन टीम को पुरुषों से ₹6.5 करोड़ ज्यादा इनाम मिलेगा.
ICC का इरादा- महिला क्रिकेट को बराबरी का मंच
ICC की इस घोषणा के पीछे स्पष्ट इरादा यह है कि महिला क्रिकेट को पुरुषों की बराबरी पर लाया जाए, ताकि खिलाड़ियों को आर्थिक सुरक्षा, प्रोत्साहन और समान अवसर मिल सकें.
एक ICC अधिकारी के मुताबिक, "यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, महिला क्रिकेट की दिशा बदलने वाला कदम है. हमारी कोशिश है कि हर युवा लड़की को लगे कि वह भी क्रिकेट में उतना ही कमा सकती है जितना एक पुरुष खिलाड़ी."
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