कभी शांति की मिसाल माने जाने वाले खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा मंगलवार की सुबह अचानक धमाकों से दहल उठी. लोग अभी अपने दिन की शुरुआत कर ही रहे थे कि अचानक आसमान में लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट और ज़मीन पर धमाकों की आवाज़ें गूंज उठीं. यह कोई सामान्य घटना नहीं थी इज़रायल ने सीधे कतर की धरती पर हमला कर दिया.
यह हमला सिर्फ किसी इमारत को गिराने का नहीं था, यह एक बड़ी कूटनीतिक हलचल की शुरुआत मानी जा रही है. कटारा इलाके में एक इमारत मलबे में तब्दील हो चुकी है और चारों ओर सिर्फ धुआं, चीखें और खौफ है.
कतर की धरती पर क्यों बरसे इज़रायली मिसाइल?
यह सवाल हर किसी के ज़ेहन में है कि इज़रायल ने आखिर कतर को ही क्यों चुना? सूत्रों की मानें तो यह हमला हमास के सीनियर नेताओं को निशाना बनाकर किया गया. इज़रायल का मानना है कि जेरूशलम में हाल ही में हुई गोलीबारी के पीछे हमास का हाथ है और कतर उन हमास नेताओं को पनाह दे रहा था.
दरअसल, कतर लंबे समय से हमास को राजनीतिक शरण देता आया है, और इस बात को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी खुलकर स्वीकार किया गया है. लेकिन कतर वही देश है जिसे अमेरिका का करीबी सहयोगी भी माना जाता है. ऐसे में इज़रायल का यह हमला सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि मध्य पूर्व में एक बड़े कूटनीतिक भूचाल की शुरुआत हो सकता है.
क्या यरूशलम में हुई गोलीबारी इसका कारण?
एक दिन पहले यरूशलम के उत्तरी हिस्से में उस समय सनसनी फैल गई थी, जब एक व्यस्त बस स्टॉप और भीड़भरी बस में हमास के आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की. इस हमले में कम से कम पांच इज़रायली नागरिकों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे.
इस दर्दनाक घटना ने इज़रायल को झकझोर कर रख दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों ने बस स्टॉप पर खड़े निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, और फिर बस में चढ़कर और लोगों पर गोलियां बरसाईं. हालांकि, मौके पर मौजूद एक सुरक्षा गार्ड और एक आम नागरिक ने दोनों हमलावरों को मार गिराया, लेकिन तब तक कई जिंदगियां खत्म हो चुकी थीं.
हमास ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी और इसके कुछ ही घंटों बाद कतर पर इज़रायली हवाई हमले की खबरें सामने आने लगीं.
बढ़ रही है हिंसा, कहीं और न फैल जाए आग
गाज़ा और इज़रायल के बीच लंबे समय से चल रहा युद्ध अब एक नई दिशा में मुड़ गया है. यह सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा. अब यह लड़ाई दूसरे देशों की सरहदों को भी लांघ रही है. वेस्ट बैंक और इज़रायल के अंदर भी नागरिकों पर हमले तेज़ हो गए हैं.
अभी हाल ही में तेल अवीव के लाइट रेलवे स्टेशन और बुलेवार्ड पर हुई गोलीबारी में सात लोगों की मौत हुई थी. उस हमले की भी ज़िम्मेदारी हमास की सैन्य शाखा ने ली थी. अब कतर जैसे शांत देश में हमास नेताओं पर हमला होना बताता है कि यह संघर्ष अब एक क्षेत्रीय संकट का रूप ले रहा है.
क्या अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप रहेगा?
कतर अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी है. यहां अमेरिका का बड़ा सैन्य अड्डा है और दोनों देशों के बीच गहरे राजनीतिक और रक्षा संबंध हैं. ऐसे में इज़रायल का कतर पर हमला करना सीधे-सीधे अमेरिका को चुनौती देने जैसा माना जा सकता है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वॉशिंगटन इस घटना पर क्या रुख अपनाता है. क्या वह इज़रायल की इस कार्रवाई का समर्थन करेगा, या फिर अपनी मित्रता निभाते हुए कतर के पक्ष में खड़ा होगा? अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आने वाले दिनों में यह मुद्दा बड़ा भूचाल ला सकता है.
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