अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिजिटल वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कानून ‘जीनियस एक्ट’ (GENIUS Act) को मंज़ूरी दे दी है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर डिजिटल करेंसी और स्टेबलकॉइन को लेकर बहस तेज़ है और अमेरिका अपनी स्थिति को इस क्षेत्र में और मज़बूत बनाना चाहता है. इस कदम को क्रिप्टो नीति के मोर्चे पर अमेरिका के पहले ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
इस अधिनियम के लागू होते ही क्रिप्टो बाजार में सकारात्मक हलचल देखी गई. बिटकॉइन और अन्य डिजिटल मुद्राओं की कीमतों में इज़ाफा हुआ है, जिससे स्पष्ट है कि निवेशक इस फैसले को भरोसेमंद संकेत के रूप में ले रहे हैं.
क्या है जीनियस एक्ट?
जीनियस एक्ट एक व्यापक डिजिटल करेंसी विनियमन कानून है, जिसे खासतौर पर स्टेबलकॉइन जैसी मुद्राओं के संचालन और निगरानी के लिए तैयार किया गया है. इस कानून के तहत कोई भी संस्था—चाहे बैंक हो या गैर-बैंक प्लेटफ़ॉर्म—यदि स्टेबलकॉइन जारी करना चाहती है, तो उसे अब निश्चित नियमों का पालन करना होगा. इन नियमों में सबसे प्रमुख शर्त यह है कि हर स्टेबलकॉइन को 100% सुरक्षित संपत्ति (जैसे कि अमेरिकी डॉलर, सरकारी बॉन्ड या ऑन-डिमांड बैंक डिपॉज़िट) के जरिए पूरी तरह से समर्थित होना चाहिए. इसके अलावा, जारीकर्ता संस्थाओं को नियमित ऑडिट कराना अनिवार्य होगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और उपभोक्ताओं का विश्वास कायम हो.
✅ GENIUS ACT SIGNED INTO LAW
— The White House (@WhiteHouse) July 18, 2025
"The GENIUS Act creates a clear and simple regulatory framework to establish & unleash the immense promise of dollar-backed stablecoins. This could be perhaps the GREATEST revolution in financial technology since the birth of the internet itself." pic.twitter.com/CH5pnznAuf
क्रिप्टो को मिली आधिकारिक पहचान
इस कानून की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि अब स्टेबलकॉइन को अमेरिका की वित्तीय प्रणाली के भीतर एक स्वतंत्र भुगतान श्रेणी के रूप में मान्यता मिल गई है. इसका मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसी आधारित लेनदेन अब केवल तकनीकी प्रयोग नहीं रहेंगे, बल्कि मुख्यधारा के बैंकिंग और वित्तीय नेटवर्क का हिस्सा बनेंगे.
उद्योग जगत की सकारात्मक प्रतिक्रिया
क्रिप्टो और फिनटेक कंपनियों ने जीनियस एक्ट का जोरदार स्वागत किया है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम कर रही कंपनियों को लगता है कि यह कानून डिजिटल इनोवेशन के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा. उदाहरण के लिए, USD Coin (USDC) जैसी प्रमुख स्टेबलकॉइन जारी करने वाली कंपनी Circle अब अमेरिकी बैंकिंग मानकों के अनुरूप खुद को ढालने की प्रक्रिया में जुटी हुई है. एप्टोस लैब्स के CEO एवरी चिंग ने इसे “डिजिटल मूल्य लेनदेन की दुनिया में एक निर्णायक मोड़” करार दिया है.
विनियमन नहीं बाधा, बल्कि अवसर
पहले जहां नियमन को क्रिप्टो उद्योग के लिए एक रुकावट माना जाता था, अब इसे भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने का साधन माना जा रहा है. जीनियस एक्ट यह स्पष्ट करता है कि ठोस नियमन और खुला नवाचार, दोनों साथ चल सकते हैं.
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