Bihar Vegetable Farming: गंडक नदी के दियारा क्षेत्र की पहचान अब केवल हर साल आने वाली बाढ़ और कटाव से नहीं होगी. वर्षों से आपदा झेल रहे इस इलाके के किसानों के लिए अब सब्जी की खेती नई रोशनी लेकर आई है. दियारा विकास योजना के तहत किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़ाकर सब्जी उत्पादन की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है.
पहले चरण में परवल, लौकी, भिंडी और करेला जैसी लता वाली सब्जियों की खेती पर विशेष जोर दिया जा रहा है. कृषि विभाग का मानना है कि दियारा क्षेत्र की मिट्टी इन सब्जियों के लिए बेहद उपयुक्त है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा होगा.
इस बार लक्ष्य बड़ा है
इस वर्ष 32 पंचायतों में फैले दियारा क्षेत्र की 350 हेक्टेयर भूमि पर सब्जी की खेती का लक्ष्य रखा गया है. पिछली बार यह आंकड़ा 262 हेक्टेयर था. इसका मतलब है कि विभाग अब पहले से भी ज्यादा किसानों को इस योजना से जोड़ना चाहता है.
बीज से लेकर उर्वरक तक सब्सिडी
चिह्नित किसानों को उन्नत किस्म के सब्जियों के बीज और उर्वरक अनुदान दरों पर दिए जाएंगे. इससे उत्पादन लागत घटेगी और लाभ बढ़ेगा. इसके अलावा, उन्नत तकनीकों की जानकारी देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है.
सिंचाई की सुविधा भी होगी मजबूत
सब्जी की खेती के लिए सबसे जरूरी है समय पर सिंचाई. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा किसानों को बोरिंग और पंपसेट पर भी अनुदान देने की योजना बनाई गई है, ताकि उन्हें पानी की समस्या से जूझना न पड़े.
आत्मनिर्भरता की ओर दियारा
दियारा के किसान जो पहले गन्ने की खेती और पशुपालन पर निर्भर थे, अब सब्जी की खेती से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. यह योजना न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ाएगी बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिकी को भी मजबूती देगी.
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