UPI Rules 2025: अगर आप भी उन यूजर्स में से हैं जो UPI ऐप्स से बार-बार बैलेंस चेक करते हैं या ट्रांजैक्शन स्टेटस रिफ्रेश करते रहते हैं, तो 1 अगस्त से आपके लिए एक बड़ी खबर है. अब आप एक दिन में केवल 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे. यह बदलाव सभी UPI यूजर्स के लिए लागू होगा, और इसका उद्देश्य UPI सिस्टम को और ज्यादा स्थिर और तेज़ बनाना है. आइए, जानते हैं कि ये बदलाव क्यों हो रहे हैं और इनका आप पर क्या असर पड़ेगा.
UPI में होने वाले नए नियम
1 अगस्त से UPI में कई नए नियम लागू हो रहे हैं, जिनमें सबसे बड़े बदलाव यह हैं:
बैलेंस चेक की लिमिट: अब आप एक दिन में किसी भी UPI एप से 50 बार से ज्यादा बार अपना बैलेंस चेक नहीं कर पाएंगे.
ऑटो-पे ट्रांजैक्शंस का समय: पहले की तरह ऑटो-पे ट्रांजैक्शन दिन के किसी भी समय नहीं होंगे. अब ये ट्रांजैक्शन केवल कुछ तय समय स्लॉट्स में होंगे.
ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने की लिमिट: अगर आपकी पेमेंट अटक जाती है, तो आप उसका स्टेटस केवल 3 बार चेक कर सकते हैं, और वह भी 90 सेकंड के गैप के साथ.
ये बदलाव क्यों किए जा रहे हैं?
UPI सिस्टम पर भारी लोड और लगातार बढ़ते ट्रांजैक्शंस की वजह से यह बदलाव किए जा रहे हैं. खासकर पीक ऑवर्स (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक) में UPI सर्विसेज पर ज्यादा दबाव बनता है, जिससे कभी-कभी सिस्टम डाउन हो जाता है. हाल ही में मार्च और अप्रैल 2025 में UPI सिस्टम डाउन होने की घटनाएं हुई थीं, जिससे लाखों यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा था. इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य UPI को तेज, स्थिर और भरोसेमंद बनाना है.
ऑटो-पे ट्रांजैक्शंस के लिए तय समय स्लॉट्स
अब से ऑटो-पे (जैसे कि सब्सक्रिप्शन पेमेंट्स, EMI, या मोबाइल रिचार्ज) केवल नॉन-पीक ऑवर्स में ही प्रोसेस होंगे. ये स्लॉट्स इस प्रकार होंगे:
क्या ये बदलाव सभी UPI यूजर्स पर लागू होंगे?
जी हां, ये बदलाव सभी UPI यूजर्स के लिए हैं, चाहे आप PhonePe, Google Pay, Paytm या कोई अन्य UPI एप इस्तेमाल करते हों. अगर आप दिन में बार-बार बैलेंस चेक नहीं करते या ट्रांजैक्शन स्टेटस को बार-बार रिफ्रेश नहीं करते, तो आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. इन नियमों का मुख्य उद्देश्य UPI सिस्टम को अधिक स्थिर और तेज़ बनाना है.
आम यूजर्स पर इसका असर क्या होगा?
अगर आप आम यूजर हैं, तो इन बदलावों का असर बहुत कम पड़ेगा. आपका सामान्य पेमेंट, बिल पेमेंट, और मनी ट्रांसफर जैसी चीज़ें पहले की तरह ही काम करेंगी. फर्क सिर्फ इतना होगा कि अगर आप दिन में 50 से ज्यादा बार बैलेंस चेक करते हैं, तो आपको लिमिट क्रॉस होने पर रुकना पड़ेगा. इसके अलावा, ऑटो-पे पेमेंट्स अपने आप तय समय पर होंगे, जिससे आपको कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
क्या ट्रांजैक्शन की लिमिट में कोई बदलाव होगा?
नहीं, ट्रांजैक्शन की रकम की लिमिट में कोई बदलाव नहीं होगा. यूजर को पहले की तरह 1 लाख रुपए तक के ट्रांजैक्शंस करने की सुविधा मिलती रहेगी. स्वास्थ्य और शिक्षा के संबंधित ट्रांजैक्शंस के लिए लिमिट 5 लाख रुपए तक है.
क्या यूजर्स को कुछ करना होगा?
इस बदलाव के लिए आपको कुछ अलग से करने की जरूरत नहीं है. यह बदलाव आपके UPI ऐप्स में अपने आप लागू हो जाएंगे. बस इतना ध्यान रखें कि बैलेंस चेक करने की लिमिट को समझें और सुनिश्चित करें कि आप बार-बार ट्रांजैक्शन स्टेटस रिफ्रेश न करें.
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