शादी को हुए थे सिर्फ 30 दिन... दामाद 20 लोगों को लेकर पहुंचा ससुराल, धारदार हथियारों से गांव पर अटैक

    बाराबंकी के रसौली गांव में गुरुवार दोपहर अचानक गाड़ियों की आवाज़ें गूंजने लगीं. दो एंबुलेंस और एक वैन गांव में घुसीं, लेकिन इनमें मरीज नहीं, हथियारों से लैस 20 से 25 युवक बैठे थे.

    UP News Son in law reached with 20 people attacked village
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    बाराबंकी के रसौली गांव में गुरुवार दोपहर अचानक गाड़ियों की आवाज़ें गूंजने लगीं. दो एंबुलेंस और एक वैन गांव में घुसीं, लेकिन इनमें मरीज नहीं, हथियारों से लैस 20 से 25 युवक बैठे थे. गांव के लोग हैरान-परेशान थे कि आखिर माजरा क्या है. और फिर जो हुआ, उसने पूरे गांव को दहला दिया.

    गांव वालों के मुताबिक, ये हमला किसी झगड़े का अचानक फूटा गुस्सा नहीं था, बल्कि पूरी तरह से साजिश के तहत किया गया था. इस पूरे हंगामे का लीडर था गांव की एक बेटी का दामाद—मोहम्मद दानिश. उसने महज़ एक महीने पहले ही गांव की रहने वाली जोया से शादी की थी. लेकिन शादी के बाद भी उसका बर्ताव वैसा नहीं था, जैसा दामाद से उम्मीद की जाती है.

    दानिश अक्सर गांव की तंग गलियों में तेज़ रफ्तार में गाड़ी दौड़ाता था. ग्रामीणों ने कई बार टोका, पर वह हर बार धमकी देता: “देखता हूं कौन रोकता है मुझे!” बुधवार को एक बार फिर उसने यही हरकत दोहराई, और इस बार गांव के लड़कों ने उसका विरोध किया. पुलिस को बुलाकर मामला शांत कराया गया, लेकिन ये शांति ज्यादा देर टिक नहीं पाई.

    अगले दिन एंबुलेंस में मौत का सामान लेकर लौटा

    गुरुवार की दोपहर जब गांव के लोग अपने-अपने काम में जुटे थे, तब एंबुलेंस और एक वैन गांव में दाखिल हुई. लोग पहले तो समझ ही नहीं पाए, लेकिन जब उनसे लाठी, डंडे, लोहे की चेन और धारदार हथियारों से लैस लड़के निकलने लगे, तब सारा माजरा साफ हो गया.

    दानिश ने आते ही ललकारते हुए कहा—“अब देखता हूं कौन रोकता है!” इसके बाद शुरू हुई ताबड़तोड़ मारपीट. गांव वालों को बेरहमी से पीटा गया. जो बीच-बचाव करने आए, उन्हें भी नहीं बख्शा गया. दस से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें छह की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.

    32 साल की नईमा बानो ने बताया दर्द

    नईमा बानो, जिनकी बेटी जोया की शादी दानिश से हुई थी, खुद इस हमले में घायल हैं. उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही दानिश गांव में रौब झाड़ता फिरता था. गाड़ी तेज़ चलाने पर कई बार टोका गया, लेकिन वह हमेशा बदतमीज़ी पर उतर आता.

    गांव के ज़ुबैर ने बताया कि दानिश का गुरुवार को गांव पर हमला कोई इत्तेफाक नहीं था. उसने पुलिस के सामने हुई बहस के अगले ही दिन अपने 20-25 साथियों को एंबुलेंस में भरकर लाया और खुलेआम गुंडई की.

    दूसरी ओर, जिला अस्पताल में भर्ती दानिश ने एक अलग कहानी सुनाई. उसका कहना है कि गांव के कुछ युवक उसकी साली और बहनों से रास्ते में छेड़खानी करते थे. वह सिर्फ़ उन्हें समझाने आया था, लेकिन गांव वालों ने उस पर हमला कर दिया.

    अब वायरल है हिंसा का वीडियो

    पूरा हंगामा कैमरे में कैद हो गया. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एंबुलेंस गांव के अंदर खड़ी हैं और उनके आसपास लाठी-डंडों से लैस लोग मारपीट कर रहे हैं. कई लोग घायल हालत में ज़मीन पर पड़े हैं.

    पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ये एक पूर्व-नियोजित हमला था, जिसमें हत्या की कोशिश, बलवा और अन्य गंभीर अपराध की धाराएं लगती हैं. पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की तहकीकात कर रही है.

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