UP News: उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए एक शानदार अवसर सामने आया है. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद जल्द ही प्रदेशभर में 11 हजार फ्लैट्स बेचने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. यह कदम उन लोगों के लिए है जो अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं, लेकिन आर्थिक कारणों से उसे पूरा नहीं कर पा रहे थे. सितंबर 2025 से इन फ्लैट्स के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा, और यहां खास बात यह है कि इन पर भारी छूट भी दी जा रही है. आइए, जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से.
लखनऊ में नहीं मिलेगी छूट
इन 11 हजार फ्लैट्स में से करीब 2500 फ्लैट्स लखनऊ में उपलब्ध होंगे, जो अवध विहार, वृंदावन और मुन्नू खेड़ा जैसी योजनाओं में स्थित हैं. खास बात यह है कि लखनऊ में इन फ्लैट्स पर कोई छूट नहीं दी जाएगी, क्योंकि यहां फ्लैट्स की डिमांड पहले से ही बहुत अधिक है. हालांकि, अगर कोई व्यक्ति लखनऊ में फ्लैट की पूरी रकम एकमुश्त जमा करता है, तो उसे 5 प्रतिशत की छूट मिल सकती है.
वहीं, बाकी शहरों में इन फ्लैट्स पर 40 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपना घर खरीदने का अवसर देना है. यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत का कारण बनेगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, लेकिन अपना घर खरीदने के इच्छुक हैं.
दो नई आवासीय योजनाओं को मिली मंजूरी
इसके अलावा, आवास विकास परिषद ने बांदा और चित्रकूट में दो नई आवासीय योजनाओं को भी मंजूरी दी है. बांदा के मवई बुजुर्ग गांव में 9500 प्लॉट और चित्रकूट में 4000 प्लॉट बनाए जाएंगे. ये दोनों योजनाएं अगले एक साल में पूरी होने की संभावना है. इससे करीब एक लाख लोगों को अपने घर का सपना साकार करने का मौका मिलेगा.
वाराणसी और उन्नाव में बड़ी परियोजनाएं
वाराणसी में जीटी रोड बाईपास योजना के लिए 1500 एकड़ ज़मीन खरीदने की मंजूरी दी गई है. इस योजना के लिए 3158 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही उन्नाव में भी एक नई योजना के तहत 470 एकड़ ज़मीन पर प्लॉट्स बनाए जाएंगे, जिसमें करीब 700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इन दोनों परियोजनाओं से शहरों में विकास की एक नई दिशा मिलेगी और नागरिकों को घर की सुविधा मिलेगी.
कर्मचारियों के लिए नए बदलाव
आवास विकास परिषद ने अपने कर्मचारियों के लिए भी कुछ बदलाव किए हैं. आशुलिपिक और बाबू के लिए टाइपिंग टेस्ट की शब्द सीमा को कम कर दिया गया है. अब आशुलिपिक को 100 शब्द की बजाय 80 शब्द और बाबू को 30 शब्द की बजाय 25 शब्द प्रति मिनट टाइप करने होंगे.
यह योजना एक बड़ी राहत
यह आवासीय योजनाएं न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होंगी. सितंबर 2025 से जब रजिस्ट्रेशन शुरू होगा, तो लोग इन फ्लैट्स के लिए आवेदन कर सकेंगे और सस्ते दरों पर अपना घर पा सकेंगे. आवास विकास परिषद के इस कदम से न केवल घर खरीदने का सपना पूरा होगा, बल्कि यह राज्य में आवास संकट को भी हल करने में मदद करेगा.
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