प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच शनिवार को एक अहम टेलीफोनिक बातचीत हुई, जो इस महीने की उनकी दूसरी वार्ता रही. यह संवाद उस समय हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी की चीन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रस्तावित मुलाकात मात्र एक दिन दूर थी.
इस बातचीत के ज़रिए भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपने संतुलित और रचनात्मक दृष्टिकोण का परिचय दिया, जिसमें शांति और संवाद को प्राथमिकता दी गई.
संघर्ष नहीं, समाधान की दिशा में भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से हुई चर्चा की जानकारी सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच युद्ध की स्थिति, मानवीय संकट और शांति की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ. प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और स्थिरता की बहाली की हर कोशिश का समर्थन करता है. यह संदेश वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका को दर्शाता है जहां वह न तो किसी ध्रुव की ओर झुका है, और न ही मूकदर्शक बना है.
प्रधानमंत्री कार्यालय का आधिकारिक रुख
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने युद्ध से जुड़े हालिया घटनाक्रम साझा किए, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की निरंतर शांति-समर्थक भूमिका को दोहराया. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत, कूटनीतिक प्रयासों में रचनात्मक सहयोग देने के लिए पूरी तरह तैयार है. दोनों नेताओं ने भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और भविष्य में इसे और मजबूत बनाने पर सहमति जताई.
जेलेंस्की ने जताया आभार, भारत से उम्मीदें जताईं
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इस बातचीत को "महत्वपूर्ण और उपयोगी" बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका और यूरोपीय साझेदारों के साथ चल रही वार्ताओं की जानकारी दी, जिसमें युद्धविराम और स्थायी शांति के उपायों पर विचार हुआ. जेलेंस्की ने यह भी आरोप लगाया कि रूस, अब तक किसी भी सकारात्मक संकेत की बजाय नागरिक इलाकों पर हमले कर रहा है. उन्होंने मोदी का पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए आभार जताया.
SCO सम्मेलन से पहले तालमेल
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मद्देनज़र रूस और अन्य नेताओं को शांति का संदेश देने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक यूक्रेनी शहरों पर बमबारी जारी है, तब तक सार्थक शांति-वार्ता संभव नहीं.
भविष्य की साझेदारी पर भी चर्चा
बातचीत में द्विपक्षीय सहयोग, उच्चस्तरीय दौरों और संयुक्त अंतर-सरकारी आयोग की बैठक की तैयारियों पर भी चर्चा हुई. जेलेंस्की ने निकट भविष्य में प्रधानमंत्री मोदी से आमने-सामने मिलने की इच्छा भी जताई.
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