रूस के आगे चित्त हुआ यूक्रेन! पहला फ्रांसीसी मिराज 2000 फाइटर जेट हुआ तबाह; फिर भी जेलेंस्की है की मानते नहीं

    रूस से चल रही जंग के बीच यूक्रेन को एक और बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. फ्रांस द्वारा हाल ही में मुहैया कराए गए मिराज-2000 सुपरसोनिक फाइटर जेट्स में से पहला विमान मंगलवार को एक मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

    Ukraine Miraj 2000 fighter jet loses in a war with russia
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    रूस से चल रही जंग के बीच यूक्रेन को एक और बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. फ्रांस द्वारा हाल ही में मुहैया कराए गए मिराज-2000 सुपरसोनिक फाइटर जेट्स में से पहला विमान मंगलवार को एक मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यूक्रेन ने इस हादसे की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह हादसा तकनीकी खराबी के कारण हुआ और इसमें पायलट सुरक्षित तरीके से इजेक्‍ट कर सका.

    यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, “दुर्भाग्य से हमने अपना एक प्रभावशाली लड़ाकू विमान खो दिया है. यह फ्रांस से मिला हमारा मिराज-2000 फाइटर जेट था. सौभाग्य से, पायलट सुरक्षित है और समय रहते विमान से बाहर निकलने में कामयाब रहा.” यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, यह हादसा मंगलवार शाम एक नियमित फ्लाइट मिशन के दौरान हुआ. विमान में तकनीकी गड़बड़ी की सूचना पायलट ने उड़ान निर्देशक को दी थी.

    एफ-16 के बाद मिराज-2000 की बारी

    यह कोई पहला मौका नहीं है जब यूक्रेन ने पश्चिमी सहयोगियों से मिले फाइटर जेट्स खोए हैं. इससे पहले अमेरिका द्वारा भेजे गए चार एफ-16 फाइटर विमान भी यूक्रेन गंवा चुका है. इनमें से एक की दुर्घटना में पायलट की मौत भी हो चुकी है. अब मिराज-2000 के गिरने से यूक्रेन की हवाई सुरक्षा की क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं. यह विमान भारतीय वायुसेना समेत कई देशों की वायुसेना में वर्षों से अपनी विश्वसनीयता साबित कर चुका है.

    फ्रांस में चल रही है ट्रेनिंग

    यूक्रेनी पायलटों को पूर्वी फ्रांस में मिराज-2000 उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. फ्रांस ने इन विमानों को रूस के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम से निपटने में सक्षम बनाने के लिए विशेष अपग्रेड भी किया है. यूक्रेन इन्हीं फाइटर जेट्स के जरिए रूस के हवाई हमलों को रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब इस नए हादसे ने उसकी सैन्य तैयारियों को झटका दिया है.

    शांति वार्ता की पेशकश फिर दोहराई

    एक तरफ रूस के साथ जंग तेज होती जा रही है, वहीं राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार कूटनीतिक समाधान की कोशिशें कर रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आमने-सामने की वार्ता का प्रस्ताव दोहराया है. हालांकि, क्रेमलिन की ओर से इसे लेकर उत्साहजनक संकेत नहीं मिले हैं. रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने साफ कर दिया कि उच्च स्तरीय बातचीत से पहले कई चरणों का काम बाकी है.

    इस्तांबुल में निचले स्तर की वार्ता की तैयारी

    यूक्रेन और रूस के निचले स्तर के प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल में तीसरे दौर की बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यूक्रेनी नेतृत्व को इससे कोई ठोस परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं है. जेलेंस्की का मानना है कि युद्ध को रोकने की असल ताकत इन प्रतिनिधिमंडलों में नहीं है. दूसरी ओर, रूस अब तक यूक्रेन का लगभग 20% भूभाग कब्जे में ले चुका है और उसकी रणनीति में कोई नरमी नजर नहीं आ रही है.

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