बोगोटा: कोलंबिया की राजनीति में हाल ही में एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया है जिसने देश और विदेश दोनों में चर्चा को जन्म दे दिया है. राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो की सरकार ने दो ऐसे व्यक्तियों को उप-मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है, जिनका अतीत कभी पोर्न फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा रहा है. अलेजांद्रा उमाना और जुआन कार्लोस फ्लोरियन को समानता मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किया गया है. हालांकि राष्ट्रपति के इस फैसले ने जहां कुछ वर्गों में प्रगतिशीलता और समावेशिता की सराहना पाई है, वहीं सरकार के भीतर ही इससे असहमति की आवाजें उठी हैं.
इन नियुक्तियों पर उपराष्ट्रपति फ्रांसिया मार्केज़ ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे सरकार की छवि को ठेस पहुंच सकती है और समानता मंत्रालय की मूल सोच पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह की नियुक्तियों से मंत्रालय की गंभीरता और उद्देश्य के प्रति लोगों में गलत धारणा बन सकती है.
समानता मंत्रालय की भूमिका और पृष्ठभूमि
समानता मंत्रालय की स्थापना 2022 में राष्ट्रपति पेत्रो द्वारा की गई थी. इस मंत्रालय का उद्देश्य समाज के उन वर्गों तक सहायता पहुंचाना है जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे हैं. जैसे कि महिलाएं, अश्वेत समुदाय, LGBTQ समूह, गरीब और आदिवासी लोग. इस मंत्रालय की जिम्मेदारी शुरू में उपराष्ट्रपति फ्रांसिया मार्केज़ को दी गई थी, जो खुद भी एक सामाजिक कार्यकर्ता और अश्वेत महिला हैं. लेकिन फरवरी 2025 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया.
इसके बाद राष्ट्रपति ने कार्लोस रोसेरो को नया मंत्री नियुक्त किया, जिन्होंने अलेजांद्रा उमाना और जुआन कार्लोस फ्लोरियन को उप-मंत्री नियुक्त कर दिया. रोसेरो का कहना है कि दोनों व्यक्ति समाज के सबसे हाशिए पर खड़े वर्गों के अनुभव से निकले हैं और उन्हें बेहतर तरीके से समझते हैं.
कौन हैं अलेजांद्रा उमाना?
अलेजांद्रा उमाना, जिन्हें उनके पूर्व पोर्न स्टार नाम अमरांता हैंक के रूप में भी जाना जाता है, ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. कोलंबिया की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद उन्होंने कई स्थानीय मीडिया हाउस में काम किया और एक किताब भी लिखी.
2017 में उन्होंने पत्रकारिता छोड़कर पोर्न फिल्म इंडस्ट्री का रुख किया. उनके अनुसार, यह निर्णय पूरी तरह स्वेच्छा से लिया गया था क्योंकि वे उस दुनिया को करीब से समझना चाहती थीं. यूरोप में शूटिंग करने के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रियता हासिल की, लेकिन यह यात्रा ज्यादा लंबी नहीं चली.
2019 में उन्होंने पोर्न इंडस्ट्री से दूरी बना ली. उनका कहना था कि इस पेशे में काम करने वाले लोगों को समाज में सम्मान नहीं मिलता और उनके साथ भेदभाव किया जाता है. इसके बाद उन्होंने सक्रिय रूप से सेक्स वर्कर्स के अधिकारों, महिलाओं की यौन स्वतंत्रता और LGBTQ समुदाय के लिए काम करना शुरू किया. आज वे खुद को एक लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट के रूप में देखती हैं.
जुआन कार्लोस फ्लोरियन की कहानी
जुआन कार्लोस फ्लोरियन की पृष्ठभूमि भी काफी संघर्षपूर्ण रही है. वे लंबे समय से सामाजिक मुद्दों, खासतौर से LGBTQ समुदाय के अधिकारों से जुड़े रहे हैं. जब राष्ट्रपति पेत्रो बोगोटा के मेयर थे, तब फ्लोरियन उनकी टीम ‘बोगोटा हुमाना’ का हिस्सा थे और समलैंगिक समुदाय से जुड़े मामलों को संभालते थे.
उनकी सामाजिक सक्रियता के कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां भी मिलीं, जिसके चलते उन्हें कोलंबिया छोड़कर पेरिस जाना पड़ा. वहां जीवन यापन के लिए उन्होंने बच्चों की देखभाल, होटल किचन में काम जैसे छोटे-मोटे काम किए. एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें आर्थिक मजबूरी में पोर्न फिल्मों में काम करना पड़ा.
हालांकि फ्लोरियन ने भी बाद में यह इंडस्ट्री छोड़ दी और सामाजिक कार्यों की ओर लौट आए. वे आज LGBTQ समुदाय की आवाज बनकर उभरे हैं और खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित कर चुके हैं.
राष्ट्रपति का बचाव और उपराष्ट्रपति की आपत्ति
राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो ने इन नियुक्तियों का बचाव करते हुए कहा कि समाज को किसी के अतीत के आधार पर नहीं, उनके वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं के आधार पर देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि अलेजांद्रा उमाना और जुआन कार्लोस फ्लोरियन जैसे लोग, जो भेदभाव और कठिनाइयों से लड़कर उठे हैं, वे समाज के वंचित वर्गों के लिए सबसे बेहतर प्रतिनिधि हो सकते हैं.
दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति फ्रांसिया मार्केज़ का मानना है कि इन नियुक्तियों से मंत्रालय की विश्वसनीयता और समाज के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठ सकता है. उन्होंने साफ कहा कि मंत्रालय के प्रमुख पदों पर ऐसे लोगों को लाना, जिनका अतीत विवादास्पद रहा है, सरकार की छवि को कमजोर कर सकता है.
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