ग्रेटर नोएडा में कछुआ तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, 33 कछुए बरामद, एक की कीमत दो हजार

    ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के एक संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्था पीपल्स फॉर एनजीओ की सतर्कता से दो कछुआ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

    Turtle smuggling racket busted in Greater Noida 33 turtles recovered
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    Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के एक संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्था पीपल्स फॉर एनजीओ की सतर्कता से दो कछुआ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके कब्जे से 33 संरक्षित और प्रतिबंधित प्रजातियों के कछुए बरामद किए गए हैं.

    पेशेवर तरीके से चला रहे थे तस्करी का धंधा

    जांच में सामने आया है कि आरोपी यमुना नदी से कछुए पकड़कर उन्हें बाज़ार में अवैध रूप से बेचते थे. एक कछुए की काली बाज़ार में कीमत लगभग 2,000 रुपये आंकी गई है. एनजीओ के सदस्य गौरव ने लंबे समय से मिल रही खुफिया सूचनाओं के आधार पर पुलिस के साथ मिलकर एक सुनियोजित ट्रैप तैयार किया. दिल्ली के जामा मस्जिद क्षेत्र के हाजी नावेद से सौदा पक्का किया गया, जिसने रिंकू नामक एक तस्कर का संपर्क नंबर दिया. गौरव ने ग्राहक बनकर रिंकू से संपर्क किया और 100 कछुओं की डील तय की. शनिवार को जब रिंकू और उसका साथी सोनू एच्छर क्षेत्र में डिलीवरी के लिए पहुंचे, तो पहले से तैनात पुलिस टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया.

    जांच में बड़ा गिरोह होने की आशंका

    पूछताछ में पता चला कि आरोपियों में से एक का भाई पहले भी वन्यजीव तस्करी के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार हो चुका है. इससे यह आशंका गहराई है कि यह महज़ एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि एक अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का हिस्सा हो सकता है. पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि आरोपी किन-किन बड़े नेटवर्क से जुड़े हैं और अब तक कितनी संख्या में कछुओं की तस्करी हो चुकी है.

    वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज

    गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सख्त सज़ा का प्रावधान है. यह एक चेतावनी भी है उन लोगों के लिए जो प्रकृति की कीमत पर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं.

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