आज इंडियन नेवी को मिलेगा दुश्मनों का काल, ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है INS 'तमाल', देखें ताकत और वीडियो

    भारतीय नौसेना की क्षमताओं को और अधिक धार देने के लक्ष्य के साथ, आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.

    Today Indian Navy will get its last foreign warship INS Tamal
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की क्षमताओं को और अधिक धार देने के लक्ष्य के साथ, आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. अत्याधुनिक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS 'तमाल' को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया. यह युद्धपोत रूस के कालिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में भारतीय विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार किया गया है और यह विदेशी स्रोत से मिला अंतिम प्रमुख युद्धपोत है.

    INS तमाल की कमीशनिंग समारोह में पश्चिमी नौसेना कमान प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह सहित भारत और रूस के वरिष्ठ रक्षा अधिकारी मौजूद रहे. अब यह पोत पश्चिमी नौसेना बेड़े का हिस्सा बनेगा, जो भारतीय समुद्री सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा.

    नाम, परंपरा और प्रतीकवाद

    'तमाल' नाम का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है. यह नाम इंद्र की काल्पनिक तलवार से प्रेरित है, जो शक्ति और विजय का प्रतीक मानी जाती है. इस युद्धपोत का आदर्श वाक्य 'सर्वदा सर्वत्र विजय' इसके मिशन और मानसिकता को दर्शाता है. साथ ही, इसकी प्रतीकात्मक पहचान 'जाम्बवन्त' और रूसी भालू से प्रेरित 'ग्रेट बेयर्स' है, जो भारत-रूस रक्षा सहयोग का प्रतीक भी है.

    तकनीकी विशेषताएं और क्षमताएं

    INS 'तमाल' 'तुशील क्लास' का हिस्सा है, जो भारत और रूस के बीच हुए 2016 के रक्षा समझौते के तहत निर्मित चार फ्रिगेट्स की श्रृंखला में से एक है. इनमें से दो जहाज रूस में और दो भारत के गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं. INS तमाल इस श्रृंखला का दूसरा रूसी-निर्मित फ्रिगेट है.

    इस युद्धपोत की मुख्य विशेषताएं:

    • 30 नॉट्स (55 किमी/घंटा) से अधिक गति
    • ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस
    • रडार से बच निकलने की (स्टील्थ) क्षमता
    • समुद्र और वायु, दोनों से हमले की शक्ति
    • नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध क्षमता और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट
    • मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर और एयर अर्ली वार्निंग सिस्टम की तैनाती

    जहाज में 26% स्वदेशी तकनीक का उपयोग हुआ है, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल, टॉरपीडो, अत्याधुनिक रडार और अग्नि नियंत्रण प्रणाली शामिल हैं.

    मानव संसाधन और ट्रेनिंग

    INS तमाल की क्रू में 250 से अधिक भारतीय नौसैनिक शामिल हैं, जिन्होंने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग और कलिनिनग्राद में कठोर सर्दियों के दौरान थल और जल दोनों में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया. यह प्रशिक्षण इस युद्धपोत के अत्याधुनिक संचालन तंत्र को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए आवश्यक था.

    'मेक इन इंडिया' की ओर निर्णायक कदम

    जहाज के निर्माण की देखरेख भारतीय दूतावास के तत्वावधान में एक विशेषज्ञ टीम ने की. इसके साथ ही, भारतीय नौसेना अब 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्यों की ओर निर्णायक रूप से बढ़ रही है. INS तमाल अंतिम ऐसा प्रमुख युद्धपोत है जिसे भारत ने विदेशी शिपयार्ड में बनवाया है. भविष्य में सभी युद्धपोतों का निर्माण स्वदेशी शिपयार्ड में ही किया जाएगा.

    INS तमाल की कमीशनिंग से भारत की समुद्री उपस्थिति और सुरक्षा रणनीति को ठोस बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से अरब सागर और पश्चिमी समुद्री सीमा पर. यह पोत न केवल एक ताकतवर सैन्य उपकरण है, बल्कि भारत और रूस के दीर्घकालिक रक्षा सहयोग का भी जीवंत उदाहरण है.

    ये भी पढ़ें- 'मैं उस रात वहीं था, जब पीएम मोदी ने...' एस जयशंकर ने बताई ट्रंप के सीजफायर वाले दावे की पूरी सच्चाई