मिसाइल, बम बेअसर, चलता-फिरता कमांड सेंटर... जानें उस ट्रेन की खासियत जिससे किम जोंग उन करते हैं यात्रा

    उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की यात्रा का सबसे खास और रहस्यमय पहलू उनकी बख्तरबंद ट्रेन है.

    The specialty of the train in which Kim Jong Un travels
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की यात्रा का सबसे खास और रहस्यमय पहलू उनकी बख्तरबंद ट्रेन है. यह ट्रेन केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि एक चलते-फिरते कमांड सेंटर, सुरक्षा गढ़, और शाही सुघमता का अद्वितीय मेल है. इस ट्रेन को उत्तर कोरिया में ‘ताययांगहो’ यानी 'सूर्य की गाड़ी' कहा जाता है. हाल ही में रूस के दौरे के दौरान एक बार फिर यह ट्रेन दुनिया भर की मीडिया और खुफिया एजेंसियों की निगाहों में आ गई.

    एक चलती-फिरती किले की तरह

    यह ट्रेन साधारण नहीं है. इसमें 20 से 25 डिब्बे होते हैं, और हर डिब्बा पूरी तरह से बुलेटप्रूफ, बम-रोधी, और भारी सुरक्षा उपकरणों से लैस होता है. हर कोच का वजन सामान्य रेल डिब्बों की तुलना में कहीं अधिक होता है, जिसके कारण इसकी गति लगभग 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित रहती है.

    इस ट्रेन का निर्माण नेता की व्यक्तिगत सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है. यह उस हद तक सुरक्षित है कि हल्के हथियार, बम, या मिसाइल जैसे खतरे भी इस पर असर नहीं डाल सकते. यही कारण है कि यह ट्रेन दुनिया की सबसे सुरक्षित ट्रेनों में से एक मानी जाती है.

    आलीशान सुविधाएं: राजा के जैसे सफर

    किम जोंग उन के लिए यह ट्रेन महज एक बख्तरबंद ढांचा नहीं, बल्कि उनकी चलती हुई शाही महल की तरह है.

    ट्रेन में शामिल विशेष डिब्बों में हैं:

    • व्यक्तिगत बेडरूम: आलीशान बिस्तर, वुडन फिनिशिंग और साउंडप्रूफ वातावरण.
    • बाथरूम: पश्चिमी स्टाइल के बाथ और सभी आधुनिक सुविधाएं.
    • निजी ऑफिस: जिसमें सैटेलाइट फोन, हाई-स्पीड इंटरनेट और डेटा एनक्रिप्शन जैसी अत्याधुनिक संचार प्रणाली मौजूद है.
    • कॉन्फ्रेंस हॉल: जहां बैठकर किम अपने सैन्य अधिकारियों और सलाहकारों के साथ रणनीतिक फैसले लेते हैं.
    • डाइनिंग कार: जिसमें ताज़ा लॉबस्टर, फ्रेंच वाइन, और चाइनीज़, कोरियन, रशियन व जापानी व्यंजन पेश किए जाते हैं. किम की ट्रेन में किचन स्टाफ और शेफ भी साथ चलते हैं.

    इस ट्रेन को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि नेता देश की निगरानी, रणनीतिक फैसले, और सामरिक संपर्क करते हुए भी यात्रा का आनंद ले सकें.

    अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था

    किम की ट्रेन की सुरक्षा को देखकर लगता है जैसे यह युद्धकालीन मिशन के लिए बनाई गई हो. जब यह ट्रेन किसी देश या शहर में प्रवेश करती है, तो पहले से 100 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को रेलमार्ग, स्टेशन और आस-पास के क्षेत्रों की पूरी जांच करने के लिए भेजा जाता है.

    इसके अलावा:

    • ट्रेन में मिसाइल रोधी प्रणाली, हथियार युक्त सुरक्षा स्टाफ, और सैटेलाइट मॉनिटरिंग सिस्टम भी होता है.
    • यात्रा के दौरान एक दूसरी ट्रेन अग्रिम स्काउटिंग करती है, और एक तीसरी ट्रेन लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए तैयार रहती है.
    • रात के समय ट्रेन बहुत कम चलती है, और अधिकतर गुप्त स्टॉप्स बनाए जाते हैं ताकि किसी भी हमले की आशंका न रहे.

    रूस में चेंज होते हैं पहिए

    उत्तर कोरिया और रूस की रेलवे पटरियों की चौड़ाई में अंतर है. इसलिए जब किम की ट्रेन रूस की सीमा पर पहुंचती है, तो ट्रेन के पहिए बदले जाते हैं, जो एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है. इसमें कई घंटे लगते हैं, और इस दौरान सुरक्षा को और अधिक सख्त कर दिया जाता है.

    पारिवारिक विरासत: ट्रेन से चलने की परंपरा

    किम जोंग उन की ट्रेन प्रेम कोई नई बात नहीं है. उनके दादा किम इल-सुंग और पिता किम जोंग-इल भी हवाई यात्रा से परहेज करते थे और उन्हीं ने बख्तरबंद ट्रेनों का उपयोग शुरू किया था.

    • किम जोंग-इल के पास 6 खास बख्तरबंद ट्रेनें थीं.
    • उन्होंने चीन और रूस के कई दौरे इन्हीं ट्रेनों के माध्यम से किए थे.
    • माना जाता है कि उन्होंने अपनी यात्रा के लिए रेलवे स्टेशनों को खास तरीके से मॉडिफाई करवाया था.

    किम जोंग उन ने अपने पिता से इस परंपरा को आगे बढ़ाया है, लेकिन उन्होंने इसे और भी अधिक आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत बना दिया है.

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