नई दिल्ली : डीटीएच सेक्टर की दो बड़ी कंपनियां टाटा और एयरटेल करेंगी मर्जर. 2016 में हुए डिश टीवी और वीडियोकॉन डी2एच के बाद यह डीटीएच सेक्टर में सबसे बड़ा मर्जर होगा. हालांकि दोनों कंपनियों का इस पर अभी बयान नहीं आया है.
सूत्रों की मानें तो इसकी जल्दी ही घोषणा की जा सकती है.
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कैसे होगा विलय?
यह डील शेयरों की अदला-बदली के आधार पर होगी. इसमें एयरटेल को नई कंपनी में 52-55% हिस्सेदारी मिलेगी, जबकि टाटा संस और वॉल्ट डिज्नी सहित टाटा प्ले के शेयरधारकों को 45-48% हिस्सेदारी मिलेगी. यह एक नॉन-बाइंडिंग डील होगी, यानी यह समझौता कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होगा. इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां साथ मिलकर काम करने के लिए सहमत हैं, लेकिन अगर कोई पक्ष समझौते को तोड़ता है, तो दूसरा पक्ष कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता.
विलय क्यों जरूरी?
यह विलय ऐसे समय में हो रहा है जब लोग पारंपरिक टीवी के बजाय ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स और लाइव वीडियो कंटेंट को तरजीह दे रहे हैं. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के आंकड़ों के मुताबिक, डीटीएच यूजर्स की संख्या FY21 में 7 करोड़ से घटकर FY24 में 6 करोड़ रह गई है. ऐसे में, दोनों कंपनियों का मानना है कि विलय से उन्हें बाजार में मजबूती मिलेगी और वे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर पाएंगे.
विलय के फायदे
विलय के बाद एयरटेल डिजिटल टीवी को टाटा प्ले के 1.9 करोड़ घरों और 50 लाख ब्रॉडबैंड ग्राहकों तक पहुंच मिलेगी. फिलहाल, दोनों कंपनियों के कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 3.5 करोड़ है. इस विलय से नई कंपनी को डीटीएच और ब्रॉडबैंड सेवाओं को बंडल करके ग्राहकों को अधिक व्यापक और किफायती पैकेज ऑफर करने का मौका मिलेगा.
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टाटा प्ले और एयरटेल डिजिटल टीवी का सफर
टाटा प्ले की शुरुआत 2006 में रूपर्ट मर्डोक की न्यूज कॉर्प के साथ एक जॉइंट वेंचर के रूप में हुई थी. पहले इसे टाटा स्काई के नाम से जाना जाता था. 2019 में जब वॉल्ट डिज्नी ने 21सेंचुरी फॉक्स का अधिग्रहण किया, तो टाटा प्ले में उसकी हिस्सेदारी डिज्नी के पास चली गई.
वहीं, एयरटेल डिजिटल टीवी की शुरुआत 2008 में हुई थी. इसे भारती एयरटेल लिमिटेड ने लॉन्च किया था और शुरुआत में यह सेवा 62 शहरों में 21,000 रिटेल आउटलेट्स के जरिए उपलब्ध कराई गई थी.
भविष्य की रणनीति
विलय के बाद नई कंपनी का मुख्य फोकस डीटीएच और ब्रॉडबैंड सेवाओं को एकीकृत करके ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करना होगा. इसके अलावा, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के बढ़ते चलन को देखते हुए कंपनी डिजिटल कंटेंट और लाइव टीवी के क्षेत्र में भी नई पहल कर सकती है.
यह विलय न केवल दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि ग्राहकों को भी अधिक विकल्प और बेहतर सेवाएं मिलेंगी. अब देखना यह है कि यह डील कब तक अंतिम रूप लेती है और भारत के डीटीएच सेक्टर में कैसे नए बदलाव लाती है.
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