नई दिल्लीः भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में एक बार फिर गर्मजोशी देखने को मिली है. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के बीच हाल ही में टेलीफोन पर एक अहम बातचीत हुई. यह दोनों देशों के बीच तालिबान प्रशासन के कार्यकाल में पहली मंत्री-स्तरीय संवाद था, जिसने कई अहम मुद्दों पर स्पष्टता लाने का काम किया.
दोनों देशों के बीच विश्वास बनाए रखने की प्रतिबद्धता
इस बातचीत के दौरान अफगानिस्तान और भारत के रिश्तों में दरार डालने की कोशिशों पर भी चर्चा हुई. हाल ही में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत पर अफगानिस्तान को मिसाइल से निशाना बनाने का आरोप लगाया गया था, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया. मुत्ताकी ने भी इन भ्रामक और आधारहीन रिपोर्टों को खारिज करते हुए दोनों देशों के बीच विश्वास बनाए रखने की प्रतिबद्धता दिखाई.
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस बातचीत की जानकारी साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अफगान विदेश मंत्री से सकारात्मक चर्चा की. उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की मुत्ताकी द्वारा की गई निंदा की सराहना की और भारत-अफगानिस्तान के बीच पारंपरिक मित्रता को फिर से रेखांकित किया.
काबुल में मुत्ताकी से मुलाकात
बातचीत के दौरान यह भी चर्चा हुई कि दोनों देशों के बीच सहयोग को किस तरह आगे बढ़ाया जा सकता है. इससे पहले, 28 अप्रैल को विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश ने काबुल में मुत्ताकी से मुलाकात की थी, जहां द्विपक्षीय व्यापार और अन्य सहयोगों पर बातचीत हुई थी. इससे पहले जनवरी में भी विदेश सचिव विक्रम मिस्री और मुत्ताकी के बीच मुलाकात हो चुकी है.
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