Himachal Disaster: हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. किन्नौर में बादल फटने की भयावह घटना के बाद अब राजधानी शिमला सहित कई क्षेत्रों में भूस्खलन की गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि 19 सितंबर तक प्रदेश में कुल 427 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 लोग अभी भी लापता हैं.
बारिश से जुड़ी आपदा ने मचाई भारी तबाही
रिपोर्ट के अनुसार, इन मौतों में से लगभग 242 मौतें बारिश से सीधे जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बाढ़ और बिजली गिरने से हुई हैं. वहीं, कुछ मौतें सड़क हादसों के कारण हुई हैं. आपदा के कारण 481 लोग घायल भी हुए हैं. साथ ही, 8,858 से अधिक घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मवेशियों की भी भारी मौत हुई है 2,478 पशु और 26,955 पोल्ट्री पक्षी इस आपदा की चपेट में आ गए.
भूस्खलन और बारिश से बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान
राज्य में 584 दुकानें और 7,048 पशुशालाएं भी ध्वस्त हो चुकी हैं. इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक हिमाचल प्रदेश को 4,754 करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है. साथ ही, 3 राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और 422 अन्य सड़कें बंद हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ चुकी है, क्योंकि 107 विद्युत ट्रांसफॉर्मर और 185 जलापूर्ति परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
राहत और बचाव कार्यों में तेजी, मौसम में सुधार की उम्मीद
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत-बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है. हालांकि, मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है कि 19 सितंबर के बाद प्रदेश में भारी बारिश का दौर कम होने लगेगा और कई क्षेत्रों में आसमान साफ रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार, 20 सितंबर को मैदान और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन कोई गंभीर अलर्ट जारी नहीं किया गया है. मौसम विज्ञानी संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि मॉनसून अब कमजोर पड़ रहा है और 19 सितंबर की शाम से मौसम में सुधार शुरू हो जाएगा. इस उम्मीद के साथ लोगों को राहत मिलने की संभावना है.
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