MP News: एक दौर था जब शादी के पहले लड़के-लड़की की कुंडली मिलाई जाती थी, घर-परिवार देखा जाता था और रिश्तों की नींव परंपरा, संस्कार और सामाजिक प्रतिष्ठा पर टिकी होती थी. लेकिन आज का दौर कुछ अलग है. रिश्तों में बढ़ती धोखाधड़ी, घरेलू हिंसा और यहां तक कि हत्या जैसे गंभीर अपराधों ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है – क्या सिर्फ प्यार और विश्वास ही अब काफी है?
जब रिश्ते बन जाएं डर की वजह
मध्य प्रदेश के इंदौर से हाल ही में सामने आया मामला इस सोच को और मजबूत करता है. एक महिला, सोनम, ने अपने ही पति की हत्या कर दी. यह घटना न केवल दिल दहलाने वाली थी, बल्कि इसने समाज के उस ताने-बाने को झकझोर दिया जिसमें शादी को आज भी एक पवित्र और सात जन्मों का बंधन माना जाता है.
इस घटना के बाद कई परिवारों ने अब डिटेक्टिव एजेंसियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है, ताकि अपने बच्चों के जीवनसाथी को चुनने से पहले उसके बारे में हर जरूरी जानकारी हासिल की जा सके.
जासूस अब सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं
अब शादी से पहले आने वाले परिवार सिर्फ जन्म कुंडली नहीं, बल्कि चरित्र कुंडली भी खंगालना चाहते हैं. इसके लिए ये सवाल पूछे जा रहे हैंः
ये सारे सवाल अब जासूसी की फाइल में शामिल हो चुके हैं. लोग इसके लिए एक सप्ताह से लेकर छह महीने तक का समय और मोटी फीस देने को तैयार हैं.
पुरुषों की चिंता भी है बड़ी वजह
पुरुष अधिकार संगठनों के मुताबिक, पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमे और महिलाओं द्वारा कानून के दुरुपयोग की घटनाएं बढ़ रही हैं. इससे पुरुषों के बीच भी भय का माहौल बना है. एक संस्था ने बताया, "हमारे पास ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जहां पुरुष मानसिक और कानूनी शोषण का शिकार हुए हैं. अब लड़के और उनके परिवार सोच-समझकर रिश्ता तय कर रहे हैं."
जासूसों की पूछ बढ़ी, भरोसे का तरीका बदला
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, पुणे जैसे शहरों में डिटेक्टिव एजेंसियों को अब रिश्ते तय करने से पहले की इन्क्वायरी के केस लगातार मिल रहे हैं. अब यह सिर्फ एक सावधानी नहीं, बल्कि एक नई सामाजिक जरूरत बन चुकी है.
ये भी पढ़ेंः बठिंडा में इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर की संदिग्ध हालात में मौत, कार से मिला शव; अश्लील कंटेंट पर मिली थी धमकी