गीदड़भभकी देने वाले शहबाज ने अलापा शांति का राग, अब खाड़ी देशों के पैरों में गिड़गिड़ाकर लगाई गुहार

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर भारी तनाव देखने को मिल रहा है. भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान दहशत में है. शुरुआती दिनों में पाक सरकार के मंत्री भारत को परमाणु हमले की गीदड़भभकी दे रहे थे. वहीं अब भारत के सख्त तेवर को देखकर पाकिस्तान की सरकार दूसरे देशों के आगे बुरी तरह गिड़गिड़ा रही है.

    Shahbaz Sharif contacted ambassadors of Gulf countries to put pressure on India
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर भारी तनाव देखने को मिल रहा है. भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान दहशत में है. शुरुआती दिनों में पाक सरकार के मंत्री भारत को परमाणु हमले की गीदड़भभकी दे रहे थे. वहीं अब भारत के सख्त तेवर को देखकर पाकिस्तान की सरकार दूसरे देशों के आगे बुरी तरह गिड़गिड़ा रही है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सऊदी अरब समेत कई खाड़ी देशों से अनुरोध किया कि वे क्षेत्र में शांति बहाली के लिए भारत पर दबाव बनाएं.

    इन देशों के आगे गिड़गिड़ाया पाक

    पाकिस्तान ने अपने मित्र देशों — चीन, सऊदी अरब, यूएई, कुवैत और कतर से संपर्क साधा है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान में तैनात सऊदी राजदूत नवाफ बिन सईद अल-मलिकी से मुलाकात कर भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने का अनुरोध किया. इसी तरह यूएई और कुवैत के राजदूतों से भी उन्होंने अलग-अलग बैठकों में इसी मुद्दे पर चर्चा की.

    पाकिस्तान का शांति वाला राग

    प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के हर रूप की निंदा करता है और इस जंग में उसने भारी कीमत चुकाई है. उन्होंने कहा, "हमने न केवल अपने देश, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए बलिदान दिए हैं."

    इससे पहले शहबाज शरीफ ने कतर के अमीर और चीन के राजदूत से भी इस मुद्दे पर संवाद किया था. वहीं पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पनामा और डेनमार्क के विदेश मंत्रियों से बातचीत करते हुए सिंधु जल संधि को लेकर भारत की कथित रणनीति पर चिंता जताई. गौरतलब है कि खाड़ी देशों के भारत के साथ आर्थिक और जनसांख्यिकीय संबंध मजबूत हैं, इसलिए इस मुद्दे पर उनका रुख काफी संतुलित रहा है. 

    आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. यह घटना वर्ष 2000 के बाद अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है, और भारत की ओर से इसके पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों का हाथ होने का आरोप लगाया गया है.

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