तो यूरोप पर हमला कर देंगे... UNGA में सर्गेई लावरोव ने दी चेतावनी; भारत का किया सपोर्ट

    जारी अंतरराष्ट्रीय तनाव और यूरोपीय वायुसीमा में हालिया घटनाओं के बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ कर दिया है कि उनका देश नाटो या यूरोपीय देशों पर हमला करने की किसी योजना में शामिल नहीं है.

    Sergey lavrov speech in unga warning to europe supports india
    Image Source: Social Media

    जारी अंतरराष्ट्रीय तनाव और यूरोपीय वायुसीमा में हालिया घटनाओं के बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ कर दिया है कि उनका देश नाटो या यूरोपीय देशों पर हमला करने की किसी योजना में शामिल नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर रूस पर किसी भी प्रकार का आक्रमण हुआ, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

    यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल के दिनों में नाटो और रूस के बीच वायु क्षेत्र को लेकर तनाव गहराता जा रहा है. पोलैंड के ऊपर एक संदिग्ध ड्रोन गिराया गया, जिसे नाटो ने मार गिराया था, और एस्टोनिया ने दावा किया है कि रूसी लड़ाकू विमानों ने उनके हवाई क्षेत्र का 12 मिनट तक उल्लंघन किया.
    रूस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके विमानों ने किसी भी देश की हवाई सीमा नहीं लांघी. 

    सिग्नल जामिंग के कारण भटक गई थी ड्रोन की दिशा

    वहीं, रूस के सहयोगी बेलारूस का कहना है कि यूक्रेन द्वारा सिग्नल जामिंग के कारण ड्रोन की दिशा भटक गई थी और पोलैंड पर हमले की कोई मंशा नहीं थी. लावरोव ने इस पूरे मसले पर कहा, हम पर हमले की स्थिति में जवाब देना हमारा अधिकार है. लेकिन रूस की किसी भी नाटो या यूरोपीय देश पर हमला करने की कोई योजना नहीं है और न ही भविष्य में ऐसा कोई इरादा है.

    भारत की UNSC में दावेदारी को रूस का समर्थन

    संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा कि वैश्विक शक्ति संतुलन को सही करने के लिए सुरक्षा परिषद में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना चाहिए.लावरोव ने स्पष्ट तौर पर भारत और ब्राज़ील की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन करते हुए कहा,हम UNSC में भारत और ब्राज़ील को स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन करते हैं. अफ्रीकी देशों के साथ भी हमें वह ऐतिहासिक अन्याय सुधारना चाहिए, जिसके बारे में खुद अफ्रीकी देशों ने भी सहमति जताई है.

    BRICS और SCO को बताया वैश्विक दक्षिण के लिए अहम मंच

    अपने भाषण में लावरोव ने ब्रिक्स (जिसमें अब नए सदस्य जैसे मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया भी शामिल हो चुके हैं) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की भूमिका को भी रेखांकित किया. उन्होंने इन संगठनों को 'वैश्विक दक्षिण' के हितों के समन्वय और आवाज़ उठाने वाला मंच बताया.

    यह भी पढ़ें: अमेरिका में इस शख्स से मिले नेतन्याहू, हिल गया पूरा मीडिल ईस्ट; अब क्या करेंगे अरब देश?