पटना में स्कूल बस की नहीं चलेगी मनमानी! बिहार सरकार ने उठाया सख्त कदम, इन बातों का रखना होगा ध्यान

    पटना जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक अहम और निर्णायक कदम उठाया गया है. जिला प्रशासन ने ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत सभी बड़े स्कूलों में बाल परिवहन समिति के गठन का आदेश जारी किया है.

    School buses will not be allowed to run arbitrarily Bihar government has taken strict action
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    Bihar News: पटना जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक अहम और निर्णायक कदम उठाया गया है. जिला प्रशासन ने ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत सभी बड़े स्कूलों में बाल परिवहन समिति के गठन का आदेश जारी किया है. इस पहल का उद्देश्य है, स्कूली वाहनों की निगरानी और उनकी संचालन प्रणाली को पूरी तरह से मानकों के अनुरूप बनाना, ताकि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो.

    सभी बड़े स्कूलों को मिला आदेश

    पटना जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) ने जिले के उन सभी स्कूलों को ई-मेल भेजा है जिनमें दो हजार या उससे अधिक छात्र पढ़ते हैं. उनसे यह जानकारी मांगी गई है कि उनके पास कितने स्कूली वाहन हैं (बस, मिनी बस, वैन आदि), उनके मालिक कौन हैं, वे कॉन्ट्रैक्ट पर चल रहे हैं या खुद के हैं, और उन वाहनों के पंजीकरण नंबर क्या हैं.

    कौन होगा इस समिति में शामिल?

    हर ऐसे स्कूल में बाल परिवहन समिति बनेगी, जिसकी अध्यक्षता स्कूल के प्रधानाचार्य करेंगे. समिति में दो अभिभावक, शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधि, यातायात पुलिस निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक, शिक्षा विभाग का प्रतिनिधि और स्कूली बस मालिकों में से एक प्रतिनिधि सदस्य के तौर पर शामिल होंगे. वहीं, स्कूल में नियुक्त एक परिवहन प्रभारी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे. यह समिति हर तीन महीने पर बैठक करेगी और स्कूल की परिवहन प्रणाली की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करेगी कि सभी वाहन नियमों के अनुसार ही चल रहे हैं.

    डीटीओ ने दी सख्त चेतावनी

    पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी उपेंद्र कुमार पाल ने साफ शब्दों में कहा कि बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी. जो स्कूल सरकार द्वारा तय गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

    स्कूली वाहनों के लिए तय मानक

    • सरकार की ओर से स्कूली वाहनों के लिए कुछ स्पष्ट और सख्त नियम बनाए गए हैं, जैसे:
    • वाहन स्कूल प्रबंधन या किसी अधिकृत अधिकारी के नाम पर पंजीकृत होना चाहिए.
    • पूरी बस सुनहरे पीले रंग की हो और उस पर स्कूल का नाम स्पष्ट तौर पर लिखा होना चाहिए.
    • यदि वाहन किराए या लीज पर है, तो उस पर ‘On School Duty’ लिखा होना अनिवार्य है.
    • बस की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए.
    • सभी वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, जीपीएस ट्रैकर, व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन लगे होने चाहिए.
    • दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सीटिंग और चढ़ने-उतरने की सुविधा होनी चाहिए.
    • स्कूल बैग रखने की सुरक्षित जगह होनी चाहिए.
    • बस में दो आपातकालीन निकास द्वार और खिड़कियों पर ग्रिल का होना जरूरी है.

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