सऊदी अरब में अब छलकेंगे जाम, 600 जगह शुरू होगी शराब की बिक्री, 73 साल पहले लगा था बैन

    73 सालों तक पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगाने वाले सऊदी अरब ने अब एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 2026 से चुनिंदा स्थानों पर शराब की सीमित बिक्री और सेवन को अनुमति देने की घोषणा की है.

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    Saudi Arabia Alcohol Policy: सऊदी अरब जहां कभी धार्मिक नियमों की सख्ती और इस्लामी पहचान की मिसाल दी जाती थी, अब वो धीरे-धीरे बदलाव की राह पर बढ़ रहा है. 73 सालों तक पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगाने वाले सऊदी अरब ने अब एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 2026 से चुनिंदा स्थानों पर शराब की सीमित बिक्री और सेवन को अनुमति देने की घोषणा की है. यह कदम सऊदी अरब की महत्वाकांक्षी ‘विजन 2030’ योजना का हिस्सा है, जिसके तहत देश को तेल पर निर्भरता से हटाकर एक आधुनिक पर्यटन और वैश्विक निवेश हब के रूप में विकसित करना है.

    शराब कहां मिलेगी और कौन कर सकेगा सेवन?

    शराब की बिक्री किसी भी आम सार्वजनिक स्थल पर नहीं होगी. यह सुविधा केवल विदेशी पर्यटकों और प्रवासी निवासियों तक सीमित रहेगी. देशभर में लगभग 600 चयनित स्थानों पर शराब उपलब्ध कराई जाएगी, जिनमें प्रमुख पर्यटन परियोजनाएं जैसे नियोम, सिंदाला आइलैंड, रेड सी प्रोजेक्ट, हाई-एंड रिसॉर्ट्स, डिप्लोमैटिक ज़ोन और फाइव-स्टार होटल्स शामिल हैं. स्थानीय नागरिकों के लिए शराब की खरीद या सेवन अब भी प्रतिबंधित रहेगा.

    किन नियमों के तहत मिलेगी शराब?

    शराब की बिक्री पूरी तरह नियंत्रित और लाइसेंस-आधारित प्रणाली के तहत होगी. केवल हल्की शराब जैसे बीयर, वाइन और साइडर ही परोसी जा सकेगी. व्हिस्की और वोदका जैसी 20% से अधिक अल्कोहल युक्त ड्रिंक्स अभी भी बैन रहेंगी. शराब न तो बाजारों में, न ही घरों में या सार्वजनिक जगहों पर बेची जाएगी. केवल प्रशिक्षित स्टाफ के जरिए, लाइसेंस प्राप्त स्थलों पर ही शराब परोसी जा सकेगी.

    क्यों लिया गया ये फैसला?

    इस फैसले का मकसद धार्मिक कानूनों से हटना नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर खुद को एक आर्थिक शक्ति और पर्यटन गंतव्य के रूप में पेश करना है. सऊदी अरब आने वाले वर्षों में एक्सपो 2030 और फीफा वर्ल्ड कप 2034 जैसे बड़े आयोजनों की मेजबानी करेगा. ऐसे में वैश्विक दर्शकों की जरूरतों को समझते हुए सरकार को अपने कुछ नियमों में बदलाव लाना जरूरी लगा.

    नियम तोड़ने पर क्या होगा?

    सरकार ने साफ किया है कि इस फैसले के बावजूद धार्मिक मर्यादाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. लाइसेंसिंग सिस्टम के उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा. शराब का दुरुपयोग करने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सरकार इसे एक संतुलन साधने की कोशिश मान रही है. आर्थिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भी इस्लामी पहचान को बरकरार रखा जाएगा.

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