संजय सरावगी बने BJP बिहार के प्रदेश अध्यक्ष, 2005 से लगातार विधायक; मिथिलांचल में मजबूत पकड़

    Sanjay Saraogi: भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फैसला लेते हुए संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है. पार्टी के इस कदम को आगामी चुनावी रणनीति और संगठन को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

    Sanjay Saraogi becomes state president of BJP Bihar MLA continuously since 2005 Mithilanchal
    Image Source: ANI/ File

    Sanjay Saraogi: भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फैसला लेते हुए संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है. पार्टी के इस कदम को आगामी चुनावी रणनीति और संगठन को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

    संजय सरावगी दरभंगा सदर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं और बिहार सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. लंबे समय से सक्रिय राजनीति में रहने के कारण वे संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर अनुभव रखते हैं. पार्टी के भीतर उन्हें एक सधे हुए और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर देखा जाता है.

    मिथिलांचल में मजबूत पकड़

    संजय सरावगी मिथिलांचल क्षेत्र के चर्चित और पुराने भाजपा चेहरों में गिने जाते हैं. दरभंगा और आसपास के इलाकों में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. संगठनात्मक कामकाज से लेकर चुनावी रणनीति तक, मिथिलांचल में पार्टी को मजबूत करने में उनकी भूमिका लगातार रही है.

    वैश्य समुदाय पर साधा गया फोकस

    संजय सरावगी वैश्य समुदाय से आते हैं, जिसे भाजपा का पारंपरिक और कोर वोट बैंक माना जाता है. उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से पार्टी का यह सामाजिक आधार और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है. खास बात यह है कि वह दिलीप जायसवाल की जगह यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जो स्वयं भी वैश्य समुदाय से आते हैं.

    मंत्री न बनने के बाद मिली संगठन की बड़ी जिम्मेदारी

    हाल ही में हुए मंत्रिमंडल गठन में संजय सरावगी को मंत्री नहीं बनाया गया था, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को संगठन में उनकी अहमियत और पार्टी के भरोसे के तौर पर देखा जा रहा है.

    पार्टी की रणनीति का संकेत

    भाजपा के इस फैसले को संगठनात्मक मजबूती, क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. आगामी राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर संजय सरावगी के नेतृत्व में पार्टी बिहार में अपने संगठन को नई धार देने की तैयारी में है.

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