रोमानिया ने इज़रायली ‘आयरन डोम’ से बढ़ाई हवाई सुरक्षा, यूरोप में पहली बार होगा तैनात

    यूरोप में यूक्रेन युद्ध की आंच अब पड़ोसी देशों को भी महसूस होने लगी है. रूसी आक्रमण के खतरे को भांपते हुए अब कई यूरोपीय देश अपनी सुरक्षा रणनीतियों को लेकर सतर्क हो चुके हैं. इस कड़ी में रोमानिया ने एक अहम और ऐतिहासिक कदम उठाया है.

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    यूरोप में यूक्रेन युद्ध की आंच अब पड़ोसी देशों को भी महसूस होने लगी है. रूसी आक्रमण के खतरे को भांपते हुए अब कई यूरोपीय देश अपनी सुरक्षा रणनीतियों को लेकर सतर्क हो चुके हैं. इस कड़ी में रोमानिया ने एक अहम और ऐतिहासिक कदम उठाया है—देश की वायु सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए वह अब इज़रायल से अत्याधुनिक ‘आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम’ खरीदने जा रहा है.

    हवाई खतरों से निपटने की तैयारी

    रोमानिया के नए रक्षा मंत्री इयोनुत मोस्तेनु ने बताया कि इज़रायली डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनी ‘राफायल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स’ से इस साल के अंत तक समझौता होने की संभावना है. सौदे की अनुमानित लागत 2.34 अरब डॉलर से अधिक बताई जा रही है. उन्होंने साफ किया कि मौजूदा हालात में केवल लंबी दूरी की मिसाइलें ही नहीं, बल्कि ड्रोन, क्रूज मिसाइल और छोटे रॉकेट भी गंभीर खतरे बन चुके हैं. इसलिए अब एक ऐसा सुरक्षा कवच चाहिए, जो इन तमाम चुनौतियों का तुरंत और सटीक जवाब दे सके.

    आयरन डोम क्यों चुना गया?

    दुनियाभर में अपनी प्रभावशीलता के लिए विख्यात ‘आयरन डोम’ प्रणाली ने हाल के वर्षों में इज़रायल को कई बार बड़े पैमाने पर रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचाया है. यह सिस्टम महज़ कुछ सेकंड में खतरे का पता लगाकर उसे हवा में ही निष्क्रिय कर सकता है. इसमें मौजूद EL/M-2084 रडार, तामिर इंटरसेप्टर मिसाइलें, और एक एडवांस्ड वॉर मैनेजमेंट सिस्टम मिलकर एक प्रभावशाली सुरक्षा घेरा तैयार करते हैं.

    रोमानिया पहले से ही अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है, जो मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम है. लेकिन नजदीकी हमलों से बचाव के लिए अब तक उसके पास कोई ठोस उपाय नहीं था. यही वजह है कि ‘आयरन डोम’ को प्राथमिकता दी गई.

    फ्रांस-जर्मनी के विकल्पों को क्यों नकारा गया?

    इस सौदे से पहले फ्रांस और जर्मनी की कंपनियों ने भी अपने एयर डिफेंस सिस्टम रोमानिया को पेश किए थे. लेकिन वे न केवल महंगे थे, बल्कि तकनीकी रूप से उतने प्रभावशाली भी नहीं माने गए. ‘आयरन डोम’ एक ऐसा सिस्टम है जिसे वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में परखा गया है, और उसकी तैनाती भी अपेक्षाकृत तेज़ होती है. इससे लागत भी कम आती है और भरोसा भी ज्यादा रहता है.

    NATO के लिए भी फायदेमंद सौदा

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोमानिया इस प्रणाली को NATO के एयर डिफेंस नेटवर्क से भी जोड़ने की योजना बना रहा है. इसका मतलब यह होगा कि आयरन डोम न केवल रोमानिया, बल्कि उसके सहयोगी देशों की हवाई सुरक्षा को भी मजबूती देगा.

    रक्षा मंत्री का कहना है कि रोमानिया अब केवल एक बफर जोन नहीं रहना चाहता, बल्कि एक ऐसा राष्ट्र बनना चाहता है जो अपनी हवाई सीमा की रक्षा खुद कर सके और जरूरत पड़ने पर अपने सहयोगियों की भी मदद कर सके.

    रणनीतिक महत्व: काला सागर क्षेत्र में नया संतुलन

    यह कदम सिर्फ एक डिफेंस डील नहीं, बल्कि NATO की रणनीति में बड़ा मोड़ हो सकता है. काला सागर क्षेत्र में रूस की बढ़ती आक्रामकता को संतुलित करने के लिए आयरन डोम जैसे सिस्टम की तैनाती एक निर्णायक पहल साबित हो सकती है.

    • क्या मिलेगा इस डील में?
    • कई बैटरियां, जिनमें होंगी:
    • तामिर इंटरसेप्टर मिसाइलें
    • EL/M-2084 मल्टी-मिशन रडार यूनिट्स
    • एडवांस वॉर मैनेजमेंट कंट्रोल सिस्टम. ये सभी मिलकर रोमानिया की वायु सीमा को मोर्टार, ड्रोन, क्रूज मिसाइल जैसे खतरों से बचाने में सक्षम होंगे.

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