Tej Pratap Yadav Expulsion: राजनीति में भावनाओं, रिश्तों और अनुशासन के बीच की रेखा बेहद बारीक होती है। इसी रेखा को बार-बार लांघते दिखे हैं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जिनके बयानों और बर्ताव ने एक बार फिर लालू परिवार और पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लेकिन इस बार मामला यहीं नहीं रुका. लालू यादव ने उन्हें पार्टी से बाहर निकालने के साथ-साथ परिवार से भी बेदखल कर दिया है।
क्यों उठाना पड़ा यह बड़ा कदम?
तेज प्रताप यादव की कार्यशैली और बगावती तेवर लंबे समय से चर्चा में रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने पार्टी नेतृत्व की सहनशीलता की सीमा लांघ दी। राजनीतिक मर्यादाओं से हटकर बयानबाजी, आंतरिक कलह, और बार-बार सार्वजनिक रूप से परिवार या पार्टी की छवि पर आंच लाना यही वो बिंदु हैं जिन्होंने अंततः उन्हें इस अंजाम तक पहुंचा दिया।
वर्दी वाले को नचवाया
तेज प्रताप यादव का अंदाज़ हमेशा से अलहदा रहा है। होली के मौके पर उन्होंने अपने निजी बॉडीगार्ड को वर्दी में स्टेज पर नचवाकर न केवल आचार संहिता बल्कि अनुशासन की भी अनदेखी की। यह घटना कैमरों में कैद हुई और राजनीतिक गलियारों में तूफान ला गई।
जगदानंद सिंह से टकराव
राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के साथ तेज प्रताप की अनबन कोई नई बात नहीं। छात्र संगठन में अपने करीबी आकाश यादव को हटाए जाने के बाद तेज प्रताप ने सार्वजनिक रूप से मोर्चा खोल दिया था। यह मतभेद महज संगठन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पार्टी नेतृत्व को सार्वजनिक रूप से कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया।
पीएम मोदी को लेकर दिए आपत्तिजनक बयान
चाहे 2017 में लालू यादव की सुरक्षा वापसी पर भड़की प्रतिक्रिया हो या 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "देशद्रोही" कहना तेज प्रताप यादव का भाषा पर नियंत्रण हमेशा सवालों में रहा है। उनके बयानों ने अक्सर पार्टी के लिए डैमेज कंट्रोल की स्थिति पैदा की है।
अपने ही विधायक को रुलाया
पार्टी के विधायक मुकेश रोशन को लेकर तेज प्रताप यादव के बयानों ने संगठनात्मक अनुशासन पर सवाल खड़े किए। महुआ से दोबारा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद जब मुकेश रोशन मीडिया के सामने फूट-फूटकर रोए, तब यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी के अंदरुनी हालात असंतुलन की ओर बढ़ रहे हैं।
ऐश्वर्या राय से तलाक
2018 में हाई-प्रोफाइल शादी और उसके चंद महीनों बाद तलाक की अर्जी भी तेज प्रताप की छवि पर असर डालने वाला रहा। चूंकि यह मामला लालू परिवार की निजी जिंदगी से जुड़ा था, इसलिए यह सोशल मीडिया से लेकर राष्ट्रीय मीडिया तक सुर्खियों में छाया रहा।
6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित
लालू यादव ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि, "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है. ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है. अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं. अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है."
"संबंध रखने स्वविवेक से निर्णय लें"
उन्होंने आगे लिखा कि, "अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है. उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें. लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं. परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है."
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