RCB Bangalore Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक आईपीएल जीत का जश्न बुधवार को त्रासदी में बदल गया, जब बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर अचानक मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए. हजारों प्रशंसक अपनी टीम की पहली आईपीएल ट्रॉफी का जश्न मनाने स्टेडियम के पास पहुंचे थे, लेकिन भीड़ पर काबू पाने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा. हालात तब बिगड़े जब गेट नंबर 7 पर भीड़ के बीच यह अफवाह फैल गई कि वहां फ्री में टिकट बांटे जा रहे हैं.
अफवाह ने ले ली जानें
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही टिकट बंटने की झूठी खबर फैली, लोग बेकाबू हो गए और एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. गेट नंबर 7 सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां अधिकांश मौतें हुईं. वहीं अन्य गेटों जैसे 5, 6, 19 और 20 पर भी भारी भीड़ जमा हो गई थी. शहर के राजाजीनगर निवासी अचिमन्या ने बताया, “यह सब एक पल में हुआ. लोग घबरा गए और भीड़ बेकाबू हो गई. ऐसा लगा जैसे किसी आपदा का मंजर हो.”
बारिश और अव्यवस्था ने बिगाड़ा माहौल
घटना के वक्त शाम करीब 5:30 बजे अचानक बारिश शुरू हो गई, जिससे भीड़ और अधिक बेकाबू हो गई. स्टेडियम में मौजूद 13 गेटों और 21 स्टैंडों में सिर्फ सीमित संख्या में लोगों को प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन आयोजन स्थल पर 2-3 लाख लोगों की भीड़ पहुंच चुकी थी – जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 35,000 दर्शकों की है.
पुलिस की नाकामी और लाठीचार्ज
स्थिति को नियंत्रित करने में पुलिस की तैयारी बेहद नाकाफी साबित हुई. भीड़ को नियंत्रित करने की बजाय पुलिस पर लाठीचार्ज का सहारा लेने का आरोप लगा है. घायल प्रशंसक अविनाश एस ने बताया, “एक ही एम्बुलेंस में 40 से ज्यादा घायल थे. मैं तो जैसे-तैसे बच निकला.” वहीं, महिला प्रशंसक सिंचन एन ने कहा, “पुलिस सिर्फ लोगों को धक्का दे रही थी, कंट्रोल करने की कोई कोशिश नहीं हुई.”
सरकार की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया कि लोगों की भीड़ ने स्टेडियम के गेट तोड़ दिए, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी. उन्होंने कहा, “हम लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.” मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
यह एक सीख है
RCB की ऐतिहासिक जीत को मनाने के लिए लाखों प्रशंसक उमड़े, लेकिन अव्यवस्था और अफवाहों ने इस खुशी को त्रासदी में बदल दिया. यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलती है, बल्कि बड़े आयोजनों के दौरान सुरक्षा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के महत्व पर भी सवाल उठाती है.
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