UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं को लेकर एक नया कदम उठाया है, जो आम जनता के लिए जीवनरक्षक साबित होगा. 27 मई को लखनऊ में विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस के अवसर पर रैपिडो बाइक टैक्सी के 1200 चालकों को CPR और फर्स्ट एड का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. मेदांता हॉस्पिटल में आयोजित इस प्रशिक्षण में देश के 16 राज्यों के डॉक्टर और विशेषज्ञ भाग लेंगे, ताकि सड़क हादसों में जान बचाने के लिए आम लोग भी सक्षम हो सकें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में यह पहल ‘हर नागरिक एक रक्षक’ के सिद्धांत को सशक्त करेगी. सड़क पर दिन-रात काम करने वाले रैपिडो कैप्टन अब केवल सवारी ले जाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे आपातकालीन हालात में प्राथमिक उपचार देकर किसी की जान भी बचा सकेंगे.
ट्रेनिंग में क्या सिखाया जाएगा?
सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष 1.5 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से कई मौतें प्राथमिक इलाज न मिलने के कारण होती हैं. ऐसे में, प्रशिक्षण प्राप्त रैपिडो चालकों का रोल बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगा. प्रशिक्षण में उन्हें CPR, खून बहने पर नियंत्रण, फर्स्ट एड किट का सही इस्तेमाल, इमरजेंसी नंबर और प्रक्रिया, तथा सड़क सुरक्षा के जरूरी उपाय सिखाए जाएंगे.
"एक दिन, एक राष्ट्र, एक लक्ष्य"
यह अभियान सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर, ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन (SACTEM) और रैपिडो के सहयोग से संचालित किया जा रहा है. सेक्टम के फाउंडर डॉ. लोकेन्द्र गुप्ता के अनुसार यह मिशन ‘एक दिन, एक राष्ट्र, एक लक्ष्य’ के तहत पूरे देश में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा.
योगी सरकार ने इससे पहले स्कूलों और पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में भी CPR का प्रशिक्षण दिया है. अब सड़क के सिपाहियों को तैयार कर सरकार यह संदेश दे रही है कि जागरूक और प्रशिक्षित नागरिकों से ही हजारों जानें बचाई जा सकती हैं.
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