पाकिस्तान की हरकतें और भारत के जवाब का सिलसिला अब तक जारी है. 22 अप्रैल को पाकिस्तान द्वारा पहलगाम में किया गया आतंकी हमला और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई, दोनों ही घटनाएं एक बार फिर से इस बात की पुष्टि करती हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में पूरी तरह से संलिप्त है. लेकिन अब पाकिस्तान को आईएमएफ से मिली वित्तीय सहायता ने इस पूरे मामले में एक नया मोड़ लिया है. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को मिले इस फंडिंग को लेकर सवाल उठाए हैं, साथ ही चेतावनी दी है कि पाकिस्तान इस धन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए करेगा.
आतंक के लिए होगा IMF के पैसे का इस्तेमाल
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में पाकिस्तान को दिए गए आईएमएफ के फंड को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उनका मानना है कि पाकिस्तान इस धन का इस्तेमाल आतंकवाद के विस्तार में करेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को मिले करीब 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे को मजबूत करने में खर्च होगा. यह बयान पाकिस्तान और दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को आर्थिक सहायता देना खतरनाक हो सकता है.
23 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने 23 मिनट में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था, और यह पूरी दुनिया के लिए एक संदेश था कि भारत की युद्ध नीति और तकनीकी क्षमता अब पहले से कहीं अधिक सक्षम और मजबूत है. इस कार्रवाई ने यह भी साबित कर दिया कि भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के हर कोने तक पहुंचने में सक्षम है, और भारत अब आतंकवादियों को उनके ठिकानों में घुसकर नेस्तनाबूद करने में सक्षम है.
राजनाथ सिंह ने एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान दिलाया - पाकिस्तान के पास परमाणु अस्त्र हैं, और यदि वे आतंकवादियों के हाथों में चले जाते हैं, तो यह सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है. पाकिस्तान को यह समझने की जरूरत है कि वह कितने बड़े खतरे की कगार पर खड़ा है, और यह खतरा सिर्फ पाकिस्तान की फौज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है.
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