7 मई की रात दुनिया के दो अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं घटीं, जिनका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया गया. एक तरफ भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला बोला, वहीं दूसरी ओर रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन की ओर से 500 से ज्यादा ड्रोन हमले किए गए. इस असाधारण रात को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक टेलीफोनिक बातचीत में बड़ा खुलासा किया है.
तीन साल में पहली बार डर महसूस किया
रूसी न्यूज एजेंसी TASS की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने ट्रंप से बातचीत में कबूल किया कि 7 मई की रात पिछले तीन सालों में पहली बार ऐसा मौका था, जब उन्हें डर महसूस हुआ. यह वही तारीख थी, जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ एक साथ नौ जगहों पर एयर स्ट्राइक की थी और रूस पर यूक्रेन ने सैकड़ों ड्रोन छोड़े थे.
मॉस्को पर यूक्रेन का ड्रोन हमला
पुतिन ने बताया कि यूक्रेन ने रूस की विक्ट्री डे परेड को विफल करने के इरादे से 564 ड्रोन मॉस्को की ओर दागे. उनकी चिंता यह थी कि अगर यह हमला सफल होता, तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य अंतरराष्ट्रीय मेहमान 9 मई को होने वाली परेड में शामिल नहीं होते. परेड की सुरक्षा को लेकर तनाव चरम पर था.
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक ने भी मचाई हलचल
उधर उसी रात भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों — लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के 9 ठिकानों पर निशाना साधा. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. भारत की इस स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हो गए, जिससे पाकिस्तान की सेना और प्रशासन में खलबली मच गई. इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत-पाक तनाव को लेकर चिंता बढ़ गई.
तनाव के बाद सीजफायर की पहल
हालांकि इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 11 मई को भारत और पाकिस्तान दोनों ने सीजफायर का ऐलान किया. भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों की ढाल बनकर काम कर रही थी, जो इस ऑपरेशन की मुख्य वजह बनी.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के दोस्त तुर्की के पीछे चीन ने लगाए 7 जासूस, एर्दोगन के गढ़ में क्या ढूंढ रहे थे? जानिए कैसे हुआ खुलासा