नई दिल्ली: एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने भारत के शहरी बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए अगले पाँच वर्षों में 10 बिलियन डॉलर (लगभग ₹86,000 करोड़) तक निवेश करने की योजना की घोषणा की है. यह निवेश भारत के तेजी से शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए शहरी परिवहन, जल एवं स्वच्छता, आवास और अन्य आवश्यक सेवाओं के क्षेत्र में किया जाएगा.
ADB के अध्यक्ष मासातो कांडा ने 31 मई को भारत की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस बहु-आयामी निवेश कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की. इस योजना में सॉवरेन ऋण, निजी क्षेत्र की भागीदारी और तीसरे पक्ष की पूंजी के मिश्रण से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
2030 तक की रणनीति के अनुरूप निवेश योजना
ADB की यह पहल भारत की राष्ट्रीय शहरी रणनीति का समर्थन करती है, जिसका लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक देश की 40% से अधिक आबादी को बेहतर शहरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. इस निवेश का प्रमुख उद्देश्य टिकाऊ और समावेशी शहरी विकास को गति देना है.
The Viksit Bharat 2047 vision is bold, and @ADB_HQ is supporting that ambition. We will direct $10 billion, including third-party capital, over the next five years into municipal infrastructure development, extending metro networks, building new Regional Rapid Transit System… pic.twitter.com/r9xZBJeDS2
— Masato Kanda (@ADBPresident) June 1, 2025
अर्बन चैलेंज फंड (UCF) के माध्यम से ADB निजी निवेश को आकर्षित करने की रणनीति अपना रहा है. इसके तहत 3 मिलियन डॉलर (लगभग ₹26 करोड़) की तकनीकी सहायता स्थानीय शहरी निकायों को दी जाएगी ताकि वे बेहतर ढंग से परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार कर सकें.
44,000 करोड़ से अधिक का पोर्टफोलियो
ADB वर्तमान में भारत के 22 राज्यों के 110 से अधिक शहरों में शहरी विकास परियोजनाओं में संलग्न है. इन परियोजनाओं में जल आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता और शहरी आवास जैसे क्षेत्र शामिल हैं. बैंक का शहरी पोर्टफोलियो इस समय 5.15 बिलियन डॉलर (₹44,000 करोड़) के 27 सक्रिय ऋणों से युक्त है.
पिछले एक दशक में ADB ने मेट्रो रेल और क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए 4 बिलियन डॉलर (₹34,220 करोड़) का निवेश किया है, जो दिल्ली, मुंबई, नागपुर, चेन्नई और बेंगलुरु सहित आठ शहरों में लगभग 300 किमी तक फैले नेटवर्क को कवर करता है.
महत्वपूर्ण मुलाकातें और प्रोजेक्ट निरीक्षण
कांडा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आवास व शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल के साथ भी विचार-विमर्श किया. इस दौरान उन्होंने मेट्रो विस्तार, ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) और रूफटॉप सोलर एनर्जी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की.
कांडा ने दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का निरीक्षण किया, जो ADB द्वारा समर्थित प्रमुख परियोजनाओं में से एक है. उन्होंने परियोजनाओं से जुड़े कौशल विकास कार्यक्रमों के लाभार्थियों से बातचीत की और गुरुग्राम स्थित रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी ReNew का दौरा भी किया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के कॉर्पोरेट नेताओं के साथ एक राउंड टेबल चर्चा में भाग लिया.
ADB की भारत रणनीति: 2023–2027
ADB की मौजूदा देश रणनीति (2023–2027) के तहत भारत को हर वर्ष 5 बिलियन डॉलर (₹42,780 करोड़) तक का वित्तीय समर्थन प्रदान किया जाएगा, जिसमें 1 बिलियन डॉलर (₹8,556 करोड़) तक का गैर-सॉवरेन निवेश भी शामिल है जो विशेष रूप से निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देगा.
अब तक, अप्रैल 2025 तक, ADB भारत को कुल 59.5 बिलियन डॉलर (₹5.09 लाख करोड़) का सॉवरेन ऋण प्रदान कर चुका है. साथ ही 9.1 बिलियन डॉलर (₹77,860 करोड़) का नॉन-सॉवरेन निवेश भी किया गया है. वर्तमान में ADB के सक्रिय भारतीय पोर्टफोलियो में 81 ऋण परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका कुल मूल्य 16.5 बिलियन डॉलर (₹1.41 लाख करोड़) है.
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