PM मोदी का सऊदी अरब दौरा, मोहम्मद बिन सलमान से करेंगे मुलाकात; जानिए किन मुद्दों पर होगी बात

    प्रधानमंत्री जेद्दा में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे.

    PM Modi visit to Saudi Arabia Mohammed bin Salman
    PM मोदी और मोहम्मद बिन सलमान | Photo: ANI

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को एक खास कूटनीतिक मिशन पर सऊदी अरब के लिए रवाना होंगे. यह दो दिवसीय दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्तों को नई ऊंचाई देने की एक अहम कड़ी साबित हो सकता है. इस दौरान प्रधानमंत्री जेद्दा में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे. खास बात यह है कि यह पीएम मोदी की जेद्दा की पहली यात्रा होगी, हालांकि वह इससे पहले दो बार सऊदी अरब की यात्रा कर चुके हैं.

    2023 में मोहम्मद बिन सलमान भारत आए थे

    यह दौरा उस पृष्ठभूमि में हो रहा है जब सितंबर 2023 में मोहम्मद बिन सलमान भारत आए थे और जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में भारत-सऊदी अरब सामरिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता की थी. तब से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गर्माहट और सहयोग की रफ्तार और तेज़ हुई है.

    भारत और सऊदी अरब के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक मूल्यों से जुड़े रहे हैं. बीते कुछ वर्षों में यह रिश्ता महज़ परंपरा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, निवेश, शिक्षा और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग की गहराई भी जुड़ चुकी है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा से इन सभी क्षेत्रों में तालमेल और भी बेहतर होने की उम्मीद है.

    IMEC परियोजना पर भी विशेष ध्यान

    विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि यह यात्रा भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देगी और वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर एक साझा सोच विकसित करने का अवसर प्रदान करेगी. चर्चा के दौरान कई अहम मुद्दों पर बात हो सकती है, जिनमें साल 2019 में घोषित सऊदी अरब द्वारा भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की योजना भी शामिल है. इस निवेश को सुचारु बनाने के लिए अक्टूबर 2023 में एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित किया गया था, जिसकी प्रगति का भी इस दौरान मूल्यांकन हो सकता है.

    इसके अलावा, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) की महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा सकता है, जो भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने वाला एक नया व्यापारिक रास्ता है. साथ ही, मौजूदा वैश्विक संकटों जैसे इजरायल-हमास संघर्ष और यूक्रेन युद्ध की स्थिति पर भी गंभीर मंथन की उम्मीद की जा रही है.

    कुल मिलाकर यह दौरा सिर्फ दोनों देशों के बीच दोस्ती का एक औपचारिक इज़हार नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और मज़बूती देने वाला एक बड़ा कूटनीतिक कदम हो सकता है. सभी की निगाहें इस यात्रा से निकलने वाले फैसलों और साझेदारियों पर टिकी हैं.

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