पीएम मोदी को मिला त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सर्वोच्च अवार्ड, 25 देश दे चुके हैं अपना सबसे बड़ा सम्मान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' प्रदान किया. इस सम्मान को पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बन गए हैं.

    PM Modi received the highest award of Trinidad and Tobago
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    पोर्ट ऑफ स्पेन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' प्रदान किया. इस सम्मान को पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बन गए हैं.

    यह न केवल त्रिनिदाद-भारत रिश्तों की गहराई का प्रतीक है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीति के उस विस्तार का भी उदाहरण है, जिसमें सांस्कृतिक रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने की क्षमता हो.

    पीएम मोदी को 25वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान

    यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया भर से मिले 25 अंतरराष्ट्रीय सम्मानों में शामिल हो गया है. इससे पहले उन्हें घाना, यूएई, रूस, फ्रांस, मिस्र जैसे देशों से भी उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए शीर्ष नागरिक पुरस्कार मिल चुके हैं.

    त्रिनिदाद और टोबैगो में उन्हें यह सम्मान ऐसे समय पर मिला है जब दोनों देश भारतीय मूल के श्रमिकों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ मना रहे हैं — एक ऐतिहासिक अवसर, जिसने दोनों देशों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया है.

    हमारे रिश्तों में क्रिकेट की स्पिरिट है

    सम्मान ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में त्रिनिदाद और भारत के बीच के रिश्तों को क्रिकेट के रोमांच और भारतीय मसालों की खुशबू से जोड़ा. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक समानता, आपसी विश्वास और लोकतांत्रिक मूल्यों के कारण यह साझेदारी "ग्लोबल साउथ" के लिए प्रेरणा बन सकती है.

    उन्होंने राष्ट्रपति कंगालू की तमिलनाडु से जुड़ी जड़ों और प्रधानमंत्री कमला परसाद बिसेसर की बिहार की विरासत का उल्लेख करते हुए इन संबंधों की जड़ों को ऐतिहासिक बताया.

    प्रवासी भारतीयों को सम्मान और सराहना

    त्रिनिदाद की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आप केवल प्रवासी नहीं हैं, सभ्यता के दूत हैं. आपने सरजमीं छोड़ी लेकिन संस्कार साथ लाए."

    उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब भारतीय मूल की छठी पीढ़ी को भी OCI (Overseas Citizen of India) कार्ड मिलेगा — एक महत्वपूर्ण कदम, जो भारतीय डायस्पोरा को भारत से और गहराई से जोड़ेगा.

    रामायण, राम मंदिर और आध्यात्मिक पुल

    प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की अनोखी रामलीला की प्रशंसा की और कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू नदी का जल और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल अपने साथ लाए हैं — एक भावनात्मक सेतु, जो दो देशों की आस्था और संस्कृति को जोड़ता है.

    उन्होंने यह भी आग्रह किया कि इन पवित्र जलों को त्रिनिदाद की स्थानीय गंगा धाराओं में अर्पित किया जाए.

    राजनीतिक जुड़ाव और ऐतिहासिक संदर्भ

    प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला परसाद बिसेसर को 'बिहार की बेटी' कहा. बिसेसर के पूर्वज बक्सर जिले से थे, और उन्होंने वहां दौरा भी किया है. यह टिप्पणी न केवल सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाती है, बल्कि एक राजनीतिक सद्भाव का भी प्रतीक है.

    25 साल पहले, वर्ष 2000 में, नरेंद्र मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में त्रिनिदाद एंड टोबैगो में आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन में हिस्सा लिया था. उस सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री बासदेव पांडे, RSS प्रमुख के. सुदर्शन और विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल जैसे वैश्विक नेता भी शामिल हुए थे.

    नवाचार, विरासत और साझा भविष्य

    अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "हम खून या सरनेम से नहीं, बल्कि अपनत्व की भावना से जुड़े हैं. भारत आपके योगदान को याद करता है और उसे सम्मान देता है."

    उन्होंने बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली के नाम पर त्रिनिदाद में मौजूद सड़कों और त्योहारों का भी उल्लेख किया — यह दर्शाता है कि संस्कृति ने कैसे भूगोल की सीमाओं को पार कर आत्मीय संबंध बनाए हैं.