नई दिल्ली: भारत और फिलीपींस के संबंधों ने एक नया मुकाम हासिल किया है. फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुआल्डेज मार्कोस जूनियर इन दिनों भारत के पांच दिवसीय राजकीय दौरे पर हैं और इसी क्रम में आज उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हैदराबाद हाउस में महत्वपूर्ण मुलाकात की. यह बैठक सिर्फ औपचारिक नहीं रही, बल्कि इसमें कई स्तरों पर सहयोग को विस्तार देने पर ठोस चर्चा और समझौते हुए.
इस उच्च स्तरीय मुलाकात के दौरान आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, रणनीतिक साझेदारी, रक्षा क्षेत्र में सहयोग, कनेक्टिविटी को बढ़ावा और लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्साहित करने जैसे प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनी. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने भारत-फिलीपींस के कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.
सहयोग की दिशा में नए आयाम: पीएम मोदी
प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मार्कोस को भारत आने के लिए धन्यवाद दिया और फिलीपींस द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की निंदा किए जाने पर विशेष आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है और इसके खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है. फिलीपींस द्वारा भारत के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता, हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाती है.
#WATCH | PM Narendra Modi says, "We express gratitude to the Philippines Government and the President for strongly condemning Pahalgam attack and standing with us in our fight against terrorism..."
— ANI (@ANI) August 5, 2025
(Video: ANI/DD News) pic.twitter.com/PItZABsE5K
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और फिलीपींस दोनों जल्द असर दिखाने वाले विकास परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि करेंगे, जिससे आम लोगों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा. इसके अलावा, मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दोनों देशों की साझी प्रतिबद्धता को दोहराया.
संपर्क को बढ़ावा: वीजा और कनेक्टिविटी पर फैसले
दोनों देशों के संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए लोगों के बीच संपर्क को आसान बनाने की दिशा में भी कई कदमों की घोषणा की गई:
रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में मजबूत होती साझेदारी
भारत और फिलीपींस के बीच पिछले कुछ वर्षों में रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ा है. फिलीपींस, भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने वाला पहला देश है. 2022 में हुए $375 मिलियन डॉलर के सौदे के तहत भारत ने अप्रैल 2024 में पहली खेप फिलीपींस को सौंप दी थी.
ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की स्पीड 2.8 मैक (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है और यह 290 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकती है. यह प्रणाली समुद्र, जमीन और वायु – तीनों प्लेटफॉर्म से दागी जा सकती है, जिससे यह एक मल्टी-डोमेन हथियार प्रणाली बन जाती है.
इसके अलावा, भारत ने फिलीपींस के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, विशेषकर डेटा क्लाउड स्ट्रक्चर के विकास में सहयोग की पेशकश की है, जो आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग को नई दिशा देगा.
साउथ चाइना सी में पहली बार साझा सैन्य अभ्यास
भारत और फिलीपींस की नौसेनाओं ने हाल ही में साउथ चाइना सी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जो द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण संकेत है. यह अभ्यास 3 से 4 अगस्त तक चला, जिसमें भारत की ओर से INS दिल्ली, INS शक्ति, और INS किलटन जैसे आधुनिक युद्धपोतों ने भाग लिया. फिलीपींस की ओर से BRP मिगुएल मालवार और BRP जोस रिजाल जैसे जहाज शामिल हुए.
साउथ चाइना सी को लेकर चीन का आक्रामक रुख दोनों देशों के लिए चिंता का विषय रहा है. इस क्षेत्र में संयुक्त उपस्थिति चीन को एक सशक्त संदेश देती है कि भारत-फिलीपींस अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा और सार्वभौमिकता को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
मार्कोस का भारत दौरा और राजनयिक महत्व
राष्ट्रपति मार्कोस का यह दौरा सांस्कृतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण रहा. उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त किया. पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका औपचारिक स्वागत किया.
मार्कोस जूनियर की यह भारत यात्रा उनके 2022 में पदभार संभालने के बाद पहली बार है. उनके साथ उनकी पत्नी फर्स्ट लेडी लुईस अरानेटा मार्कोस और उच्च स्तरीय मंत्रीमंडल दल भी भारत आया है.
आगे की यात्रा: कर्नाटक दौरा
भारत यात्रा के अंतिम चरण में राष्ट्रपति मार्कोस कर्नाटक के बेंगलुरु जाएंगे, जहां वे राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात करेंगे. वे भारत के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात करने वाले हैं. यह दौरा तकनीकी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में संभावित सहयोग के लिए रास्ते खोल सकता है.
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