'सिर्फ सैनिक ही नहीं आपकी भी जिम्मेदारी है', गुजरात में PM मोदी ने लोगों से कर डाली अपील

    PM Modi Gujrat Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन गांधीनगर के महात्मा मंदिर से देश को एक नई दिशा देने वाला संदेश दिया. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब केवल सेना का मिशन नहीं है, बल्कि देश के 140 करोड़ नागरिकों का साझा संकल्प बनना चाहिए.

    PM Modi Gujrat Visit Appeals to not buy things from foriegn
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    PM Modi Gujrat Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन गांधीनगर के महात्मा मंदिर से देश को एक नई दिशा देने वाला संदेश दिया. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब केवल सेना का मिशन नहीं है, बल्कि देश के 140 करोड़ नागरिकों का साझा संकल्प बनना चाहिए. पीएम मोदी ने लोगों से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने और स्वदेशी अपनाने की खुली अपील की.

    अब यह युद्ध मैदान का नहीं, जनबल का अभियान है

    पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि छह मई की रात जो ऑपरेशन सिंदूर सैनिक शक्ति से शुरू हुआ, अब उसे जनशक्ति से आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और पूरी तरह विकसित राष्ट्र बनाना है, तो हमें विदेशी उत्पादों पर निर्भरता खत्म करनी होगी. “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सेना का काम नहीं है. यह हर उस व्यक्ति की जिम्मेदारी है जो भारत से प्रेम करता है.

    गांव-गांव शपथ लें, विदेशी वस्तुओं की लिस्ट बनाएं

    प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि हर भारतीय को अपने घर में यह देखना चाहिए कि कितनी विदेशी चीजें उपयोग में हैं. उन्होंने आग्रह किया कि गांव-गांव जाकर लोगों से विदेशी वस्तुओं के उपयोग पर रोक की शपथ दिलाई जाए. गणेश जी की मूर्तियां हों, होली की पिचकारी हो या कोई सजावटी सामान सबकुछ विदेशी बन चुका है, अब आंख खोलने का समय आ गया है.

    जो है, उसे फेंकिए नहीं, लेकिन नया विदेशी मत लाइए

    पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह लोगों से उनके पास मौजूद विदेशी सामान फेंकने के लिए नहीं कह रहे हैं, बल्कि जब अगली बार कुछ खरीदने का मौका आए तो 'वोकल फॉर लोकल' को प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा, “हमारी दुकानों, घरों और बाजारों में जो विदेशी चीजें हैं, उन्हें पहचानिए, लिस्ट बनाइए और फिर निर्णय लीजिए कि अब से नया सामान केवल स्वदेशी लेंगे.”

    शांति, विकास और आत्मनिर्भरता का संदेश

    अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर 1947 के विभाजन और आतंकवाद से जुड़ी पीड़ा को दोहराया और कहा कि अगर उस समय निर्णायक कदम उठाए गए होते, तो आज की कई समस्याएं नहीं होतीं. उन्होंने शांति की इच्छा जताते हुए कहा, "हम लड़ाई नहीं चाहते, हम विकास चाहते हैं, समृद्धि चाहते हैं, और एक सशक्त भारत चाहते हैं."

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