घाना पहुंचे पीएम मोदी, राष्ट्रपति महामा ने एयरपोर्ट पर किया स्वागत, दी गई 21 तोपों की सलामी

    भारत और अफ्रीका के मजबूत होते रिश्तों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे.

    PM Modi arrives in Ghana President Mahama welcomes him
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    अक्रा (घाना): भारत और अफ्रीका के मजबूत होते रिश्तों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में पहली यात्रा है, और इसका उद्देश्य केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को गहराई देना है.

    प्रधानमंत्री के घाना पहुंचने पर राष्ट्रपति जॉन द्रमानी महामा ने स्वयं एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया और 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनका अभिनंदन किया गया.

    घाना-भारत संबंधों में नई ऊर्जा

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच बातचीत में ऊर्जा, कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था और वैक्सीन उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर सहमति बनी. दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर की उम्मीद है.

    विशेष रूप से भारत का UPI डिजिटल पेमेंट सिस्टम घाना में शुरू करने को लेकर चर्चा हुई, जो भारत की डिजिटल तकनीक की वैश्विक पहुंच को और मजबूत करेगा और अफ्रीकी देशों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा.

    भारतीय समुदाय से संवाद और सांस्कृतिक जुड़ाव

    घाना में बसे 15,000 से अधिक भारतीयों के साथ प्रधानमंत्री मोदी का भावनात्मक संवाद, इस यात्रा को और भी खास बनाता है. पारंपरिक परिधानों में सजे बच्चों द्वारा संस्कृत श्लोकों की प्रस्तुति और भारतीय समुदाय की गर्मजोशी ने भारत-घाना के सांस्कृतिक रिश्तों को गहराई प्रदान की.

    BRICS, ग्लोबल साउथ और रणनीतिक संदर्भ

    यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की 5 देशों की विदेश यात्रा का पहला पड़ाव है. इसके बाद वे त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील (जहां वे BRICS समिट में भाग लेंगे), और नामीबिया जाएंगे.

    घाना यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत ग्लोबल साउथ की आवाज को मज़बूती देने की कोशिश कर रहा है. अफ्रीकी देशों के साथ रणनीतिक और आर्थिक जुड़ाव, भारत की वैश्विक स्थिति को और व्यापक बनाएगा.

    साझा इतिहास: गांधी और एन्क्रूमा की विरासत

    घाना के स्वतंत्रता आंदोलन पर महात्मा गांधी के विचारों की गहरी छाप रही है. क्वामे एन्क्रूमा, जिन्हें "अफ्रीका का गांधी" कहा जाता है, ने गांधी के सिद्धांतों पर आधारित ‘पॉजिटिव एक्शन’ आंदोलन से घाना को 1957 में स्वतंत्रता दिलाई थी. यह यात्रा उस ऐतिहासिक संबंध को भी पुनः जागरूक करती है, जो भारत और अफ्रीका को आंदोलन, समानता और आत्मनिर्भरता के साझा मूल्यों के माध्यम से जोड़ता है.

    कोविड काल में सहयोग की मिसाल

    कोविड महामारी के समय भारत ने 6 लाख वैक्सीन खुराकें घाना को भेजीं — यह न सिर्फ मानवीय सहायता का एक उदाहरण था, बल्कि दक्षिण-दक्षिण सहयोग की भावना को भी दर्शाता है. प्रधानमंत्री की यात्रा उस सहयोग को और संस्थागत रूप देने की दिशा में प्रयास है.

    राजनीतिक और कूटनीतिक महत्व

    घाना ने न केवल संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी सदस्यता दावे का समर्थन किया है, बल्कि दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) और जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद विरोध जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी एकजुट दृष्टिकोण रखते हैं.

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