रालोजपा (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अब उनकी पार्टी का एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से कोई रिश्ता नहीं रहेगा. उन्होंने साफ कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे उसी गठबंधन में शामिल होंगे जहाँ उनकी पार्टी को सम्मान मिलेगा. ये बातें उन्होंने भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर बापू सभागार में पार्टी द्वारा आयोजित संकल्प सम्मेलन में कहीं. इस दौरान उन्होंने भारत सरकार से रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की भी मांग की.
एनडीए से क्यों हुए नाराज़?
लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए ने सीटों का बंटवारा किया था. लेकिन पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 5 सीटें दी गईं. इस बात से पारस काफी नाराज हो गए और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया. हाल ही में उनके घर पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी दही-चूड़ा भोज में पहुंचे थे. इसके बाद यह चर्चा तेज हो गई कि पारस शायद महागठबंधन में जा सकते हैं.
मजदूरी करने पर मजबूर लोग
पशुपति पारस ने नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि बिहार की सरकार अब बीमार हो चुकी है. उन्होंने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी के कारण लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जा रहे हैं. शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह खराब हो चुकी है. बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है. इसके अलावा, पारस ने वक्फ संशोधन बिल पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि यह बिल मुस्लिम समाज के खिलाफ है. उन्होंने कहा, भारत एक बगीचा है, जिसमें हर धर्म और जाति के लोग फूल की तरह रहते हैं, और सभी को बराबर का हक मिलना चाहिए. उन्होंने बिहार की डबल इंजन सरकार (राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार) को हर मोर्चे पर फेल बताया.
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