पार्टी कार्यकर्ता ने ही दी थी उपेंद्र कुशवाहा को जान से मारने की धमकी, खुद को बताया था बिश्नोई गैंग का सदस्य, पढ़ें पूरा मामला

    राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से जान से मारने की धमकी पहुंचाई गई थी. पटना पुलिस ने इस मामले में बड़ी जांच कर राकेश कुमार नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

    party worker had threatened to kill Upendra Kushwaha
    Image Source: ANI

    राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से जान से मारने की धमकी पहुंचाई गई थी. पटना पुलिस ने इस मामले में बड़ी जांच कर राकेश कुमार नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने धमकी भरे संदेश और कॉल करके राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी थी.

    आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी

    पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि आरोपी राकेश कुमार, जो बिहार के सिवान जिले का निवासी है, उपेंद्र कुशवाहा की ही पार्टी का कार्यकर्ता था. मगर कुछ समय से उसके मन में पार्टी के नेतृत्व के प्रति नाराज़गी थी, जिसका खामियाजा सांसद को भुगतना पड़ा. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेस के माध्यम से आरोपी का मोबाइल नंबर पता लगाकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. उसके कब्जे से धमकी देने में प्रयुक्त मोबाइल फोन भी बरामद हुआ.

    धमकी में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम

    राकेश ने पूछताछ में स्वीकारा कि उसने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया था और सांसद को 10 दिनों में जान से मारने की धमकी दी थी. यह धमकी सांसद तक पहुंची, जिसने इसे सार्वजनिक रूप से अस्वीकार्य और निंदनीय बताया.

    सांसद ने की कार्रवाई की मांग

    उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि लोकतंत्र में असहमति की जगह है, लेकिन हिंसा और धमकियां किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हैं. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों से आरोपी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की.

    जांच के अगले कदम

    SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पुलिस मूल रूप से यह पता लगा रही है कि राकेश कुमार किसी संगठित नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं. आगे की जांच में यह भी सामने लाया जाएगा कि धमकी देने की वास्तविक वजह नाराज़गी थी या बाहर से कोई साजिश रची गई थी. आवश्यकतानुसार साइबर सेल और अन्य तकनीकी संसाधनों की मदद ली जा रही है.

    राजनीतिक प्रतिक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था

    सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर सांसद की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं. स्थानीय पुलिस ने सांसद की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त प्रोटोकॉल और गश्त तेज कर दी है. नेताओं और अखिल भारतीय तंत्रों से इस कार्रवाई को लोकतंत्र-रक्षक कदम बताया गया है.

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