India Pak War Tentions: भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब देने के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है. भारतीय वायुसेना द्वारा की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश को संबोधित करते हुए उग्र तेवर दिखाए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान "हर शहीद के खून की एक-एक बूंद का हिसाब लेगा" और यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की सेना पूरी तरह से तैयार थी.
शहबाज का दावा: भारत को जवाब मिल चुका है
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने भारतीय हमले का त्वरित और सटीक जवाब दिया. उनके अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिनमें राफेल जैसे उन्नत विमान भी शामिल थे. इसके अलावा, दो भारतीय ड्रोन को भी निष्क्रिय करने का दावा किया गया. हालांकि, इन सभी दावों के पक्ष में उन्होंने कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया.
भारत के 80 विमानों ने किया हमला: पाक का दावा
शहबाज शरीफ ने संसद में बताया कि भारत के कुल 80 विमान इस सैन्य कार्रवाई में शामिल थे, लेकिन पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली ने समय रहते खतरे को नाकाम कर दिया. उन्होंने पाकिस्तान की वायुसेना और उसके प्रमुख की सराहना करते हुए दावा किया कि भारत की योजना की पहले से जानकारी मिलने के कारण त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सकी.
जांच की पेशकश और भारत पर आरोप
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक बार फिर भारत पर "आक्रामकता" का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की पेशकश की थी. उन्होंने दावा किया कि भारत ने इसका जवाब सैन्य कार्रवाई से दिया, जो “बिना किसी उकसावे” के की गई.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक
इस पूरे घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की आपात बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की. इस बैठक में सभी सेनाओं के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी और कैबिनेट सदस्य शामिल थे. बैठक के बाद जारी बयान में भारत की सैन्य कार्रवाई की निंदा की गई और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया गया.
पाकिस्तान का दावा: 31 नागरिकों की मौत
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि भारत के मिसाइल हमलों में कम से कम 31 लोग मारे गए और 51 घायल हुए हैं. भारत ने मंगलवार रात पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के अड्डे शामिल थे. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे.
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