भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने हाल ही में भारत के साथ लगने वाली समुद्री सीमा पर स्थित विवादित क्रीक क्षेत्रों, विशेष रूप से सर क्रीक का दौरा किया. भारत ने इस कदम को जानबूझकर किया गया उकसाने वाला कदम बताया है और पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है.
यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं. भारत ने इस दौरे को “सैन्य आक्रामकता का प्रतीकात्मक प्रदर्शन” बताया है, जिससे क्षेत्र में अनावश्यक तनाव पैदा हुआ है.
सर क्रीक दौरे पर बयानबाजी
एडमिरल नावेद अशरफ ने अपने इस दौरे के दौरान पाकिस्तान नौसेना की अग्रिम चौकियों का निरीक्षण किया और वहां तैनात सैनिकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान “सर क्रीक से लेकर जिवानी तक अपने समुद्री सीमांत के हर इंच की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध” है.
इस बयान को भारत ने न केवल सीमा समझौतों की भावना के खिलाफ बताया है, बल्कि इसे उकसावे की कार्रवाई भी माना है. भारतीय रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह दौरा पाकिस्तान के उस लगातार रुख को दोहराता है, जिसमें वह सर क्रीक क्षेत्र को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता है.
पाकिस्तान नौसेना का शक्ति प्रदर्शन
इस दौरे के दौरान पाकिस्तान नौसेना ने अपनी ऑपरेशनल क्षमता का प्रदर्शन भी किया. एडमिरल अशरफ ने तीन नए 2400 टीडी होवरक्राफ्ट्स को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया.
ये होवरक्राफ्ट विशेष रूप से दलदली, उथले जल और रेत के टीलों वाले क्रीक इलाकों में संचालन के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. इनकी मदद से पाक नौसेना अपनी गश्ती और निगरानी क्षमताओं को बेहतर बना सकती है.
पाकिस्तान नौसेना के अनुसार, इन नए प्लेटफॉर्म्स के जुड़ने से तटीय क्षेत्रों में तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता (Quick Response Capability) बढ़ेगी और क्रीक जैसे जटिल समुद्री क्षेत्रों में गतिविधि आसान होगी.
पाकिस्तान का रणनीतिक संदेश
अपने संबोधन में एडमिरल अशरफ ने कहा कि पाकिस्तान नौसेना न केवल सैन्य दृष्टि से, बल्कि राष्ट्रीय संप्रभुता और आर्थिक स्थिरता की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने समुद्री संचार मार्गों (Sea Lines of Communication – SLOCs) की सुरक्षा को देश की आर्थिक मजबूती का “आधार स्तंभ” बताया.
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, और खुद को एक “क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के प्रमुख हितधारक” के रूप में स्थापित कर रही है.
हालाँकि, भारतीय रणनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह दौरा केवल “शांति संदेश” का नहीं, बल्कि “शक्ति प्रदर्शन” का प्रतीक था, जिसका उद्देश्य सीमा विवाद को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर जीवित करना है.
भारत की तीखी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने इस दौरे पर गंभीर आपत्ति जताई है. भारत का कहना है कि सर क्रीक विवाद को कूटनीतिक और सीमांकन वार्ताओं के ज़रिए सुलझाने का प्रयास वर्षों से जारी है, लेकिन पाकिस्तान के ऐसे सैन्य प्रदर्शन इन कोशिशों को नुकसान पहुंचाते हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसे “जानबूझकर किया गया उकसावा” करार दिया है. रिपोर्टों के मुताबिक, यह दौरा उस समय हुआ जब भारत की तीनों सेनाएं एक संयुक्त सैन्य अभ्यास (Tri-Service Joint Exercise) की तैयारी में थीं. नई दिल्ली का मानना है कि पाकिस्तान ने यह कदम उसी अभ्यास से ठीक पहले राजनीतिक संकेत देने के इरादे से उठाया, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “सीमा विवाद” का मुद्दा फिर उठाया जा सके.
क्या है सर क्रीक विवाद?
सर क्रीक (Sir Creek) लगभग 96 किलोमीटर लंबी जलधारा है, जो भारत के गुजरात के कच्छ क्षेत्र और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच स्थित है. यह क्षेत्र अत्यंत दलदली और जटिल भूगोल वाला है, जिससे सीमा रेखा तय करना ऐतिहासिक रूप से कठिन रहा है.
यह विवाद ब्रिटिश शासन काल से जुड़ा है. 1914 के एक समझौते के अनुसार सर क्रीक की सीमा पूर्वी किनारे पर तय की गई थी, लेकिन पाकिस्तान का दावा है कि सीमा मध्य रेखा (Mid-Channel Line) पर होनी चाहिए.
इस क्षेत्र का महत्व केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामरिक भी है, क्योंकि इसके पास विशाल तेल और गैस भंडार, मत्स्य संसाधन और अरब सागर तक रणनीतिक पहुँच मौजूद है.
भारत का रुख और चेतावनी
भारत ने स्पष्ट किया है कि सर क्रीक क्षेत्र में किसी भी प्रकार की “एकतरफा सैन्य गतिविधि” को सीमा की स्थिति बदलने का प्रयास माना जाएगा. नई दिल्ली ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि सीमा विवादों को सैन्य माध्यमों से उभारने की कोई भी कोशिश क्षेत्रीय शांति के लिए हानिकारक सिद्ध होगी.
भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कहा है कि देश अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी “आकस्मिक स्थिति” में जवाब देने में सक्षम है.
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